उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

कमाल! अयोध्या की एक गली में पहुंच पागल भी हो जाते हैं ठीक

उत्तर प्रदेश के अयोध्या नगरी में एक ऐसी गली है, जिसके बारे में मान्यता है कि यहां पहुंचकर मानसिक रोगी भी स्वस्थ हो जाते हैं. देश में दूर-दूर से मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों को उनके परिजन यहां लाते हैं.

योध्या में सरयूतट पर स्थित मोहल्ला स्वर्गद्वार
योध्या में सरयूतट पर स्थित मोहल्ला स्वर्गद्वार

By

Published : Jan 10, 2021, 8:45 AM IST

अयोध्याःभगवान श्री राम की नगरी अयोध्या में सरयूतट पर स्थित मोहल्ला स्वर्गद्वार में दूर-दूर से मानसिक रोगियों को उनके परिजन लेकर आते हैं. मान्यता है कि यहां एक गली है, जहां आने पर मानसिक रोगी अपने-आप ठीक हो जाते हैं. पहले के समय में परिजन रोगियों को अयोध्या लाकर इस मोहल्ले में घुमाया करते थे. मोहल्ले में वह गली कौन सी है यह तो आज कोई नहीं जानता पर मोहल्ले में मानसिक रोगियों को आज भी लाया जाता है. हालांकि यह प्रथा आज के वैज्ञानिक युग में बदली जरूर है पर उसका वजूद बरकरार है.

मानसिक रोगी भी स्वस्थ हो जाते हैं

अति प्राचीन मोहल्ला है स्वर्गद्वार
अयोध्या में स्थित मोहल्ला स्वर्गद्वार अति प्राचीन माना जाता है. त्रेता युग की अयोध्या में मोहल्ला स्वर्गद्वार अति प्राचीन माना जाता है. सरयूतट के किनारे बसा यह मोहल्ला न केवल नागेश्वरनाथ मंदिर, चंद्रहरि मंदिर, लक्ष्मणघाट शेषा अवतार मंदिर सहित अनेकों विशिष्ट मंदिरों से युक्त है. बल्कि इसकी गलियां भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. इस मोहल्ले के भीतर सैकड़ों गलियां बहुत ही टेढ़ी-मेढ़ी वह पतली हैं. कई गलियां तो ऐसी हैं कि यहां रहने वाले लोग भी जीवन में शायद ही कभी वहां से गुजरते हों. स्वर्गद्वार के भीतर एक ऐसी गली है, जहां के बारे में कहा जाता है कि यहां पहुंचकर मानसिक रोगी स्वस्थ हो जाते हैं. यह मान्यता बहुत पुराने समय से चली आ रही है. लोगों ने इसके बारे में अपने बुजुर्गों से सुना है. यहां के कई बुजुर्गों ने इसे बचपन में देखा है. यहां के बुजुर्ग बताते हैं कि पहले मानसिक रूप से अस्वस्थ रोगियों को जंजीरों या रस्सी में बांधकर इस मोहल्ले में लाकर घुमाया करते थे. पीढ़ियों से इस मोहल्ले में रहने वाले डॉक्टर पद्माकर पांडे भाई जी इस वार्ड के पार्षद रहे हैं. वे आयुर्वेद के चिकित्सक हैं और इसी वार्ड में अपनी क्लीनिक दशकों से चला रहे हैं. उनके पिता और पितामह भी इसी सेवा कार्य से जुड़े हुए थे. डॉक्टर पद्माकर पांडे कहते हैं कि उनकी उम्र 60 साल है और उन्होंने बचपन में देखा है कि लोग मानसिक रूप से अस्वस्थ रोगियों को जंजीरों या रस्सी में बांधकर इस मोहल्ले में लाकर घुमाया करते थे. अब भी लोग मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों को इस मोहल्ले में छोड़ जाते हैं.

बदल गया स्वरूप
डॉक्टर पद्माकर पांडे कहते हैं की विज्ञान के बदलते युग में इस मान्यता पर भी असर देखा जा रहा है. अब लोग मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों को जंजीरों में जकड़ कर घुमाने की बजाय ले आकर इस मोहल्ले में छोड़ जाते हैं. कुछ लोग स्वस्थ होकर अपने घर लौट जाते हैं. यह मान्यता बदले स्वरूप में आज भी बरकरार है. आज भी मोहल्ला स्वर्गद्वार व उससे सटे नया घाट बाजार में मानसिक रोगी देखे जा सकते हैं. डॉ. प्रणय कुमार त्रिपाठी, एसोसिएट प्रोफेसर व अध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग, साकेत महाविद्यालय, अयोध्या कहते हैं कि विश्वास से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. लोगों के मन में विश्वास होता है इसलिए स्वर्गद्वार की गली में मानसिक रोगियों के ठीक होने में सहायता मिलती है पर लक्षण के अनुसार चिकित्सा भी आवश्यक है. उन्होंने कहा कि मानसिक रोग में वातावरण परिवर्तन व शांति का भी प्रभाव सकारात्मक होता है, पर यह गली कौन सी है या स्थान कौन सा है जहां पहुंचकर रोगी ठीक हो जाते हैं, यह रहस्य अब भी बरकरार है. स्वर्गद्वार मोहल्ले के ही रहने वाले सुनील मिश्र त्रेतानाथ मंदिर के महंत हैं. वह खुद भी ज्योतिष के गहरे जानकार हैं. जीवन के छह दशक देख चुके सुनील मिश्र , डॉक्टर प्रभाकर पांडे की बात से पूरी तरह सहमत हैं. वह भी कहते हैं की स्वर्गद्वार में मानसिक रोगी ठीक होते हैं, यह पूरी तरह सत्य है पर वह गली कौन सी है या स्थान कौन सा है जहां पहुंचकर रोगी ठीक हो जाते हैं इसे पहचाना नहीं जा सका है. यह रहस्य अब भी बना हुआ है.

8 हजार से ज्यादा मंदिर
अयोध्या मंदिरों की नगरी है और यहां आठ हजार से ज्यादा मंदिर हैं. अयोध्या का स्वर्गद्वार मोहल्ला सरयू के किनारे बसा है. सरयू की धारा नदी पर पुल बनने से पहले इसी मुहल्ले से छूकर बहती थी. आज प्राचीन सरयू नदी के स्थल पर राम की पैड़ी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details