अयोध्या: लॉकडाउन से पहले राम जन्मभूमि पर रामलला का भव्य मंदिर बनाने की तैयारी चल रही थी. राम मंदिर में लगने वाले प्रथम तल के पत्थर तैयार भी हो चुके थे. वहीं अब मंदिर निर्माण कार्यशाला में पूरी तरह सन्नाटा छाया हुआ है. कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी में छूट होने के बावजूद कार्यशाला में रौनक कब लौटेगी, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है.
1992 में शुरू हुआ पत्थर तराशने का काम
रामनगरी में तत्कालीन विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद विश्व हिंदू परिषद की ओर से वर्ष 1992 में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को तराशने का काम शुरू किया गया था. शुरुआत में यहां मंदिर के लिए पत्थर तराशने का काम बहुत तेजी से शुरू किया गया. बाद में कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्य बंद कर दिया गया. अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद विवाद पूरी तरह से समाप्त हो गया है.
'मंदिर निर्माण कार्यशाला में सन्नाटा'
आमतौर पर अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालु राम मंदिर निर्माण कार्यशाला पहुंचते थे. यहां वह मंदिर निर्माण के लिए रखे पत्थरों और राम शिलाओं को देखते थे. अक्सर यहां छेनी और हथौड़ी की आवाज सुनाई देती थी, लेकिन लॉकडाउन में अब यहां पूरी तरह सन्नाटा है.