अयोध्याः जिले के श्मशान घाट का नजारा अब डराने लगा है. कोरोना के कठिन दौर में रामनगरी के श्मशान घाट पर प्रतिदिन लगभग 50 शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है, जिसमें 15 से 20 कोरोना संक्रमितों के शव आ रहे हैं. इस समय संक्रमित शवों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. ऐसे समय में श्मशान घाट पर लकड़ी की कालाबाजारी भी की जा रही है.
1300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेची जा रही लकड़ी
1200 से लेकर 1300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से यहां लकड़ी बेची जा रही है, जिसके चलते अंतिम संस्कार में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते मौत का ग्राफ भी बढ़ा है. रामनगरी के श्मशान घाट पर प्रतिदिन लगभग 50 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. इसमें अधिकांश सामान्य शव होते हैं.
लोगों को हो रही परेशानी
श्मशान घाट के पंडा नीलू पाठक ने बताया कि प्रतिदिन करीब 50 से 60 शव श्मशान घाट पर पहुंच रहे हैं. इनमें 30 से 40 शव सामान्य हैं जबकि करीब 15 से 20 संक्रमित शव आ रहे हैं. संक्रमित शवों का संस्कार पूर्व दिशा में थोड़ा अलग हटकर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यहां छाया और पेयजल की समस्या न होने से भीषण गर्मी में अंतिम संस्कार में आ रहे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नीलू पाठक ने बताया कि शवों की संख्या बढ़ने से घाट पर अक्सर लकड़ियां कम हो जाती हैं, जिसके चलते लकड़ी की कालाबाजारी भी बढ़ी है.
डीएम ने दिया लकड़ी की कालाबाजारी रोकने का सख्त निर्देश
श्मशान घाट पर लकड़ी की कालाबाजारी और अन्य अव्यवस्था की सूचना पर शनिवार को जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने नगर निगम की टीम के साथ श्मशान घाट का निरीक्षण किया. इस दौरान कुछ लोगों ने उनसे अधिक दाम में लकड़ी बेचे जाने की शिकायत की साथ ही श्मशान घाट पर पेयजल और छाया की व्यवस्था करने की भी मांग की. जिलाधिकारी ने तत्काल लकड़ी की कालाबाजारी रोकने के निर्देश नगर निगम के अधिकारियों को दिए, साथ ही अंतिम संस्कार में लकड़ी की कमी न होने पाए इसके भी निर्देश दिए.
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अपर नगर आयुक्त सच्चिदानंद सिंह ने 600 से 700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से लकड़ी बेचने का निर्देश दिया, जबकि सूचना के अनुसार 1200 से 1300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से लकड़ी बेची जा रही थी.