अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन जन्मस्थली अयोध्या आस्था और अध्यात्म की नगरी के रूप में पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. सुप्रीम कोर्ट के मंदिर-मस्जिद विवाद पर दिए गए फैसले के पहले यहां रहने वाले लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते थे. बड़े पैमाने पर सन 1992 के हिंदू-मुस्लिम दंगे के बाद लोग यहां से पलायन भी कर गए, लेकिन 9 नवंबर 2019 को मंदिर-मस्जिद विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब तस्वीर बिल्कुल बदल चुकी है.
जहां पहले अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर के आसपास लोग मकान और जमीन खरीदने से कतराते थे, वहीं अब इन मकानों और जमीनों की कीमत चार गुना से ज्यादा बढ़ चुकी है.
राम मंदिर निर्माण का पड़ा प्रभाव
रियल एस्टेट कारोबार के जानकार कमलाकांत सुंदरम के मुताबिक, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ अब इस शहर में पर्यटन की असीमित संभावनाओं को देखते हुए देश भर की बड़ी-बड़ी कंपनियां होटल कारोबार के लिए जमीन तलाश रही हैं, जिसकी वजह से जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं.
रामनगरी में बढ़ी जमीन की कीमतें. 'जमीन की मुंहमागी कीमत देने को तैयार है कंपनियां'
जमीन की खरीद-फरोख्त और रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े अवधपुरी इंटरप्राइजेज कंपनी के मेंबर रामचंद्र के मुताबिक, अयोध्या में राम जन्मभूमि फैसले के बाद जमीन की खरीद-फरोख्त का कारोबार काफी प्रभावित हुआ है. बड़े पैमाने पर विकास योजनाओं के चलते सरकार ने जमीनों का अधिग्रहण शुरू कर दिया है. इस वजह से जो जमीन बची है, उसकी कीमत बहुत बढ़ गई है. इसके अलावा अयोध्या में कई बड़ी कंपनियां अपना होटल खोलना चाहती हैं, जिसके लिए वह जमीन की मुंह मांगी कीमत देने को तैयार हैं.
अयोध्या शहर के बाहर भी बड़े पैमाने पर जमीन की मांग बढ़ी है. जमीन की बढ़ी कीमतों को देखते हुए लोग रिहायशी मकानों के लिए जमीन नहीं खरीद पा रहे हैं, बल्कि बड़ी कंपनियां जमीन की कीमत बढ़ाकर देने को तैयार हैं.
राम जन्मभूमि से 7 किलोमीटर के दायरे में अलग-अलग इलाकों में जमीनों की पूर्व और वर्तमान कीमतें-
1- राम जन्मभूमि मंदिर परिसर से सटे 3 किलोमीटर के दायरे में जमीन की कीमत
फैसले के पहले- 1,500 रुपये प्रति वर्ग फीट से लेकर 2,500 रुपये प्रति वर्ग फीट
फैसले के बाद- 4,000 रुपये प्रति वर्ग फीट से लेकर 6,000 रुपये प्रति वर्ग फीट
2- पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के अंदर जमीन की कीमत
फैसले से पहले-1,000 रुपये प्रति वर्ग फीट से लेकर 1,500 रुपये प्रति वर्ग फीट
फैसले के बाद- 3,000 रुपये प्रति वर्ग फीट से लेकर 5,000 रुपये प्रति वर्ग फीट
3 - राम जन्मभूमि मंदिर से 5 किलोमीटर के दायरे के बाहर का हिस्सा/ साकेत पुरी में जमीन की कीमत
फैसले से पहले- 300 रुपये प्रति वर्ग फीट से लेकर 500 रुपये प्रति वर्ग फीट
फैसले के बाद- 2,500 रुपये प्रति वर्ग फीट से लेकर 3,500 रुपये प्रति वर्ग फीट
4- राम जन्मभूमि से 5 किलोमीटर दूर अयोध्या दर्शन नगर मार्ग पर आशापुर के करीब जमीन की कीमत
फैसले से पहले- 150 रुपये प्रति वर्ग फीट से लेकर 300 रुपये प्रति वर्ग फीट
फैसले के बाद-3 हजार रुपये प्रति वर्ग फीट से लेकर 4 हजार रुपये प्रति वर्ग फीट
5 - राम जन्मभूमि से 5 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र कुढ़ा केशवपुर में जमीन की कीमत
फैसले से पहले- 250/रुपये प्रति वर्ग फ़ीट से लेकर 350/रुपये प्रति वर्ग फीट
फैसले के बाद- 1500/- रुपये प्रति वर्ग फीट से लेकर 2,500/- रुपए प्रति वर्ग फ़ीट स्क्वायर फीट
6-राम नगरी अयोध्या के पूर्वी क्षेत्र में सरयू तट के किनारे केंद्र और प्रदेश सरकार की तमाम सौंदर्यीकरण योजनाओं के मद्देनजर जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी गई है. फिर भी शाहनवाजपुर ग्राम सभा और शाहनवाजपुर माझा में चोरी छुपे 1,500 रुपये प्रति वर्ग फीट से लेकर 2000 रुपये प्रति वर्ग फीट में जमीन बेची जा रही है.
...इस वजह से बढ़ी डिमांड
ईटीवी भारत से बात करते हुए नगर निगम अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने बताया कि 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद से पर्यटन की असीमित संभावनाओं को देखते हुए बाहर से बड़े व्यवसायी/कारोबारी यहां पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां संचालित करना चाहते हैं. इसके लिए वे स्थानीय स्तर पर प्रॉपर्टी डीलर और रियल स्टेट कंपनियों से संपर्क कर रहे हैं, जिसकी वजह से जमीन की डिमांड बढ़ी है. वहीं केंद्र और प्रदेश सरकार की कई बड़ी योजनाएं भी अयोध्या में शुरू हो चुकी हैं.
किसानों को दिया जा रहा जमीन का मुआवजा
ऋषिकेश उपाध्याय ने बताया कि सरयू तट के किनारे भगवान राम की विशालकाय प्रतिमा स्थापित करने से लेकर सड़कों को चौड़ा करने और सरकारी भवनों के निर्माण के लिए जमीनों का अधिग्रहण शुरू हो चुका है. इन जमीनों के अधिग्रहण के बदले किसानों को उनका उचित मुआवजा भी दिया जा रहा है.
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बड़े कारोबारी तलाश रहे जमीन
एक तरफ जहां अयोध्या में आस्था और अध्यात्म के साथ पर्यटन की संभावनाओं को तलाशते हुए होटल रेडिशन, ताज ग्रुप और रमाडा ग्रुप जैसे बड़े होटल कारोबारी अयोध्या में बड़े होटल बनाने के लिए जमीन तलाश रहे हैं. वहीं अयोध्या के मुख्य शहरी इलाके में केंद्र और प्रदेश सरकार की सौंदर्यीकरण योजना के चलते किए जाने वाले जमीन अधिग्रहण से स्थानीय लोग चिंतित भी हैं. बावजूद इसके अयोध्या और इससे सटे ग्रामीण इलाकों में जमीनों की कीमतें आसमान छू रही हैं.