अयोध्या : जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण और इससे होने वाली मौतों से परेशान जनपद वासियों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. लगातार हो रहीं मौतों के बाद जब नींद से जागे जिला प्रशासन ने राजकीय मेडिकल कॉलेज दर्शन नगर के अलावा कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए चार प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की छूट दी.
इसके अलावा अयोध्या के महिला चिकित्सालय में एक और कोविड अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया. इन अस्पतालों को शुरू भी कर दिया गया लेकिन हालात नहीं बदले. पहले ही दिन 15 मरीजों को भर्ती किया गया लेकिन स्टाफ और ऑक्सीजन की कमी की समस्या सामने आने लगी.
परेशान मरीज और उनके तीमारदार इधर-उधर भटकते रहे. मामले की खबर जब डीएम अनुज कुमार झा को मिली तो वह तत्काल जिला अस्पताल पहुंचे और सीएमएस को व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए. साथ ही स्टाफ बढ़ाने और मरीजों की भर्ती को लेकर उन्हें समुचित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने को भी कहा.
ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने में बड़ा रोड़ा स्टाफ की कमी, कोविड अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल पा रहा इलाज
डीएम अनुज झा ने बताया कि जनपद में कोरोना के मरीज बढ़ने के कारण जिला महिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में भी कोविड अस्प्ताल बना दिया गया है. यहां पर रविवार को पहले दिन 15 मरीज भर्ती किए गए. हालांकि शुरुआती समय में थोड़ी समस्या जरूर देखी गई. लेकिन जल्द ही समस्या से निजात मिल जाएगी. बताया कि जिला महिला अस्पताल के कोविड अस्पताल में स्टाफ की कमी है. जल्द ही इसमें अटैचमेंट किया जाएगा.
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प्राइवेट अस्पतालों में भी सीमित ऑक्सीजन सप्लाई, समस्या
डीएम ने बताया कि जनपद में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. मेडिसिन की उपलब्धता भी है. बताया कि जनपद के 4 प्राइवेट अस्पतालों को भी कोविड अस्प्ताल बनाया गया है. इसमें 2 अस्पतालों ने भर्ती लेना भी शुरू कर दिया गया है. ऑक्सीजन की कमी को लेकर डीएम ने बताया कि लेवल टू हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज में 4 ऑक्सीजन जरनेटर लगाए गए हैं. इसमें लगातार 30 बेड पर अनवरत ऑक्सीजन की सप्लाई मिल रही है. इसके अलावा सरकार से भी जनपद में ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा रहा है.
प्राइवेट अस्पताल मरीजों को भर्ती करने में जता रहे असमर्थता
जिला प्रशासन ने अयोध्या में चार अस्पतालों को कोरोना मरीजों का इलाज करने की अनुमति दे दी है. इन अस्पतालों में सीमित ऑक्सीजन सप्लाई के कारण चाहकर भी प्राइवेट अस्पताल संचालक मरीजों की भर्ती नहीं कर पा रहे हैं. नाम ना लिखने की शर्त पर शहर के प्रमुख अस्पताल संचालकों ने बताया कि उनके पास ऑक्सीजन की जितनी आपूर्ति है, उसी के अनुसार उन्होंने मरीजों की भर्ती ली है.
अगर और मरीजों की भर्ती लेते हैं तो उनके लिए उनके पास ऑक्सीजन नहीं है. इसी कारण बेड होने के बाद भी मरीजों की भर्ती नहीं हो पा रही है. जैसे ही ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाई जाएगी, मरीजों की भर्ती आसानी से हो पाएगी.