अयोध्याः पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम के बाद फैली हिंसा के विरोध में अयोध्या में तपस्वी छावनी निवासी जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने एक दिवसीय उपवास रखा. उन्होंने बुधवार को उपवास कर राष्ट्रपति से बंगाल में घुसपैठिए और रोहिंग्याओं की नागरिकता समाप्त करने के साथ चुनाव रद्द करने की मांग की है. तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि देश में संविधान सर्वोपरि माना गया है. जहां इस संविधान का उल्लंघन हो तो सभी देशवासियों को एकजुट करके संविधान की रक्षा के लिए आवाज उठानी चाहिए.
पश्चिम बंगाल में हिंसा के विरोध में जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने किया उपवास - अयोध्या की खबर
उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने एक दिवसीय उपवास किया. उन्होंने कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह आमरण अनशन करेंगे.
अयोध्या
इसे भी पढ़ेंः 'हाथी' ने तोड़ा ब्रह्मचर्य...फिर भी रह गया ख्वाब अधूरा
लोकतंत्र की हत्या
जगद्गुरु ने कहा कि भविष्य में व्यक्ति किसी दूसरी पार्टी का प्रचार न कर सके, ऐसा डर पैदा किया जा रहा है. एक तरह से लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने कहा कि आज एक दिवसीय उपवास कर रहा हूं. पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करता हूं. अगर मेरी मांग नहीं मानी गई, तो मैं आमरण अनशन के लिए बाध्य होऊंगा.