अयोध्या: राम मंदिर निर्माण की कवायद शुरू होने के साथ ही जनपद के रौनाही थाना क्षेत्र के धन्नीपुर गांव में मस्जिद के निर्माण की कवायद भी जोर पकड़ रही है. मस्जिद निर्माण के लिए इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए मस्जिद की डिजाइन और नक्शा भी जारी कर दिया है. लेकिन मस्जिद निर्माण शुरू होने से पहले ही बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य मुद्दई ने अपना विरोध जाहिर करते हुए मस्जिद को शरीयत के खिलाफ बता दिया है. बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई इकबाल अंसारी ने आरोप लगाया है की ट्रस्ट के मुखिया जफर फारुकी अपनी मर्जी के मुताबिक सब काम कर रहे हैं. अयोध्या में रहने वाले बाबरी मामले के किसी पैरोकार से उन्होंने कोई बातचीत नहीं की है.
मस्जिद खुदा का घर कोई नुमाइश की जगह नहीं इकबाल अंसारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो हमने उस फैसले का सम्मान किया. हम देश के संविधान का सम्मान करते हैं. धन्नीपुर में मस्जिद का निर्माण हो हम उसका स्वागत करते हैं. लेकिन मस्जिद बनाने के नाम पर कोई दिखावा नहीं होना चाहिए. मस्जिद तो खुदा का घर है कोई नुमाइश की जगह नहीं है. इसलिए मस्जिद के नाम पर नुमाइश नहीं होना चाहिए. मस्जिद में इबादत करने के लिए लोग जाते हैं ना कि नुमाइश देखने. इसलिए मस्जिद की खूबसूरती पर बेवजह पैसा नहीं खराब किया जाना चाहिए.
विदेशी डिजाइन की मस्जिद नहीं है स्वीकार
इकबाल अंसारी ने कहा कि मस्जिद बने अच्छी बात है. मस्जिद के निर्माण में ईमानदारी और मेहनत का जायज पैसा लगाया जाना चाहिए. हमारी मांग है कि जैसी मस्जिदें भारत में बनती हैं वैसे ही मस्जिद धन्नीपुर में भी बननी चाहिए, न कि किसी विदेशी डिजाइन की मस्जिद. हमारी कौम किसी विदेशी डिजाइन की मस्जिद को स्वीकार नहीं करेगी. हम हिंदुस्तान में रहने वाले लोग हैं और अपने देश से प्यार करते हैं. इसलिए हमें वैसे ही मस्जिद चाहिए जैसी मस्जिद हिंदुस्तान में बनती आई है.
जफरयाब जिलानी ने भी किया है विरोध
आपको बता दें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी मस्जिद की डिजाइन को लेकर सवाल उठाए हैं. बोर्ड के अहम सदस्य जफरयाब जिलानी ने मस्जिद को शरीयत और लॉ बोर्ड एक्ट के खिलाफ बताया है. वहीं अब बाबरी मस्जिद मामले के पैरोकारों ने भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. अब देखना यह है कि इस विरोध के बीच फाउंडेशन मस्जिद का निर्माण कैसे शुरू करता है.