अयोध्या: श्रीरामजन्मभूमि स्थान अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से मंदिर बनाने का रास्ता साफ हो गया है. वहीं श्रीराम मंदिर बनाने को लेकर अब लगातार सम वैचारिक संगठन साथ आने को तैयार हैं, जिन्होंने राम मंदिर के लिए आने वाला खर्च वहन करने की आजमाइश तक कर दी है.
मीडिया से बातचीत करते सरदार जसवीर सिंह मंडेर. राम मंदिर निर्माण के लिए बढ़े कदम
अयोध्या पहुंचे सिखों के एक दल ने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए खर्च उठाने की बात कही. आल इंडिया सिख वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से बोलते हुए सरदार जसवीर सिंह मंडेर ने कहा कि अब बिना देर किए सरकार को ट्रस्ट निर्माण करके राम मंदिर निर्माण कार्य कराना चाहिए. इसके लिए सबसे ज्ञानी और उपयुक्त योगी आदित्यनाथ को चुन लेना चाहिए, वह अकेले ही सक्षम हैं. वहीं जरूरत पड़े तो दो अन्य लोगों को ट्रस्ट में नामित कर दें. बिना किसी से चंदा लिए हम श्रीराम मंदिर बनवाएंगे.
सीएम योगी को ट्रस्ट का मुख्य ट्रस्टी बनाने की मांग
इंटरनेशनल सिख वेलफेयर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी सरदार जसवीर सिंह मंडेर का कहना है कि योगी आदित्यनाथ अकेले ही ट्रस्ट का संचालन और मंदिर को देख सकते हैं. पीएम मोदी से सिख समुदाय गुजारिश करता है कि सीएम योगी को इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी दे दी जाए.
बिना चंदे के राम मंदिर बनवाएगा सिख समुदाय
सरदार जसवीर सिंह मंडेर ने कहा कि हम सभी निश्चित तौर पर राम मंदिर जल्द ही बनाएंगे. पूरी तरह से अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण सिख वेलफेयर करवाएगा. इसमें किसी तरह का कोई भी पैसा बाहर किसी से नहीं लिया जाएगा. जैसे पूरे विश्व में गुरुद्वारे का निर्माण सेवा भाव से होता है, उसी तरह सिख वेलफेयर एसोसिएशन मंदिर का भी निर्माण कराएगा.
सभी धर्म के लोग मानते हैं श्री राम को
मंडेर ने अपने दावे के साथ यह भी कहा सिख समुदाय से जुड़ी हर ज्ञान और बारीकी बात सीएम योगी आदित्यनाथ रखते हैं, इसलिए मैं चाहूंगा कि सीएम योगी आदित्यनाथ को बनाए जाने वाले ट्रस्ट का मुख्य ट्रस्टी बनाया जाए. हमारे गोविंद साहब ने पटना में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के रूप में दर्शन देकर शिवदत्त नामक ब्राह्मण को प्रसाद दिया था. उनके इन आदर्शों को सभी धर्म के लोग मानते हैं, इसलिए राम हम सबके हैं.
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जल्द शुरु होना चाहिए राम मंदिर का निर्माण
सरदार जसवीर सिंह मंडेर ने कहा कि अब देर न करते हुए ट्रस्ट बनाकर मंदिर निर्माण कार्य हमें दे दें. हम किसी के चंदे बगैर ही मंदिर निर्माण कराएंगे. वहीं जो चंदा देना चाहते हैं, वे अपने पास रखें और अगर कहीं वे चंदा लगाना चाहते हैं तो वहां लगाएं जहां वे रहते हैं साथ ही वहीं उसका सदुपयोग करें.