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अयोध्या एयरपोर्ट से 2021 तक शुरू हो सकती है अन्तरराष्ट्रीय विमान सेवा

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Published : Sep 9, 2020, 11:13 AM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या एयरपोर्ट का विकास अंतरराष्ट्रीय स्तर के एयरपोर्ट की तरह किए जाने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए कुल 600 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी. वहीं अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो इस एयरपोर्ट पर 2021 के अंत तक अंतरराष्ट्रीय विमानों का संचालन शुरू हो जाएगा.

अयोध्या एयरपोर्ट
अयोध्या एयरपोर्ट

अयोध्या: एक तरफ राम नगरी में भव्य मंदिर निर्माण की कवायद जोर-शोर से चल रही है. वहीं दूसरी तरफ इस पौराणिक नगरी के चहुंमुखी विकास को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार बेहद संजीदा नजर आ रही है. इसी कड़ी में अयोध्या में हवाई यातायात सेवा को और चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या एयरपोर्ट निर्माण योजना को विस्तार दिया है. अब इस एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बनाया जाएगा. इस एयरपोर्ट के रनवे पर A 321 विमानों के साथ-साथ बोइंग 777 जैसे विशालकाय विमान भी उतर सकेंगे. साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अयोध्या को पर्यटन केंद्र के रूप में जोड़ा जा सकेगा. इतना ही नहीं अयोध्या एयरपोर्ट का नाम भी भगवान श्रीराम के नाम पर श्रीराम एयरपोर्ट रखा जाएगा.

चरणबद्ध तरीके से होगा एयरपोर्ट का विस्तार

आपको बता दें कि अप्रैल 2017 में अयोध्या एयरपोर्ट के विस्तार के लिए दो चरणों में योजनाएं बनाई गई थीं. इसमें टेक्नो इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट में पहले चरण में ATR 72 विमानों के लिए इस एयरपोर्ट को विकसित किया जाना था. बाद में A 321 - 200 सीटों की क्षमता वाले विमानों के लिए एयरपोर्ट का विस्तार होना था. पहले चरण में एयरपोर्ट की लंबाई 1600 मीटर तय की गई थी, जबकि दूसरे चरण में एयरपोर्ट की लंबाई 2300 मीटर बनाई जानी थी. बाद में प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस एयरपोर्ट को बोइंग 777 विमानों के उतरने योग्य बनाने और इस एयरपोर्ट का नाम बदलने की घोषणा कर दी थी.

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने पेश की नई रिपोर्ट

इसके बाद बीते वर्ष मई के महीने में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने भौतिक सर्वे करने के बाद एक परिवर्तित रिपोर्ट पेश की थी. इसमें पहले चरण में A 321 विमानों के संचालन के लिए 463.10 एकड़ जमीन की आवश्यकता बताई थी. इसमें रनवे की लंबाई 3125 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर तय की गई. दूसरे चरण में बोइंग 777 जैसे बड़े विमानों के संचालन के लिए 122.87 एकड़ की जमीन की आवश्यकता जताई गयी, जिसमें रनवे की लंबाई 350 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होगी.

वहीं कर्मचारियों के रहने के लिए 15 एकड़ जमीन भी आवश्यक है. इस पूरी कार्य योजना को लेकर उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक सुरेंद्र सिंह ने अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा को एयरपोर्ट के लिए पहले और दूसरे चरण के लिए चयनित की गई भूमि का प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं ताकि जल्द से जल्द एयरपोर्ट का निर्माण कार्य तेजी से शुरू हो सके.

जमीन अधिग्रहण को लेकर विवाद

श्रीराम एयरपोर्ट निर्माण की पूरी योजना में विवाद की कड़ियां भी जुड़ी हैं. अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित की जाने वाली जमीन में मुआवजे की राशि अलग-अलग होने को लेकर एयरपोर्ट से सटे धर्मपुर गांव के लोगों ने मोर्चा खोल रखा है और मुआवजा बढ़ाने की मांग की है. इस मुद्दे को लेकर बीते सप्ताह कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने सड़क पर उतरकर बड़ा विरोध प्रदर्शन भी किया था. उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर जबरिया किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई तो प्रदेश सरकार को इसका अंजाम भुगतना होगा. अभी तक इस विवाद का हल नहीं हो सका है, जिसके कारण एयरपोर्ट निर्माण योजना के समय से धरातल पर आने को लेकर संशय के बादल हैं.

अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट को लेकर जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार संजीदा नजर आ रही है, उसे देखते हुए अगर सब कुछ योजना के तहत और निर्विघ्न रूप से चलता रहा तो साल 2021 के अंत तक अयोध्या के श्रीराम एयरपोर्ट पर बोइंग 777 विमानों के लिए रनवे उपलब्ध होगा.

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