अयोध्याः विवाह पंचमी को भगवान श्री राम और मां सीता के शादी की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्री राम और माता सीता की पूजा-अर्चना और उपासना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्री राम और माता सीता की श्रद्धापूर्वक पूजा-अराधना करने से मनचाहा वर की प्राप्ति होती है. विवाहितों के सौभाग्य में वृद्धि होती है. कहते हैं कि इस दिन माता जानकी और भगवान श्री राम की स्तुति जरूर करनी चाहिए, ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष पंचमी, आनन्द संवत्सर विक्रम संवत 2078, शक संवत 1943 (प्लव संवत्सर), मार्गशीर्ष.पंचमी तिथि 09:26 PM तक उपरांत षष्ठी. नक्षत्र श्रवण 10:40 PM तक उपरांत धनिष्ठा. ध्रुव योग 01:09 PM तक, उसके बाद व्याघात योग.करण बव 10:28 AM तक, बाद बालव 09:26 PM तक, बाद कौलव. दिसम्बर 08 बुधवार को राहु 12:18 PM से 01:38 PM तक है.चन्द्रमा मकर राशि पर संचार करेगा.
सूर्योदय
7:00 AM
सूर्यास्त
5:37 PM
चन्द्रोदय
10:57 AM
चन्द्रास्त
10:03 PM
अयन
दक्षिणायन
द्रिक ऋतु
हेमंत
विक्रम संवत - 2078, आनन्द
शक सम्वत - 1943, प्लव
पूर्णिमांत - मार्गशीर्ष
अमांत - मार्गशीर्ष
तिथि
शुक्ल पक्ष पंचमी - Dec 07 11:41 PM – Dec 08 09:26 PM
शुक्ल पक्ष षष्ठी - Dec 08 09:26 PM – Dec 09 07:54 PM
नक्षत्र
श्रवण - Dec 08 12:11 AM – Dec 08 10:40 PM
धनिष्ठा - Dec 08 10:40 PM – Dec 09 09:51 PM
करण
बव - Dec 07 11:41 PM – Dec 08 10:28 AM
बालव - Dec 08 10:28 AM – Dec 08 09:26 PM
कौलव - Dec 08 09:26 PM – Dec 09 08:34 AM
योग
ध्रुव - Dec 07 04:23 PM – Dec 08 01:09 PM
व्याघात - Dec 08 01:09 PM – Dec 09 10:27 AM
वार
बुधवार
त्यौहार और व्रत
विवाह पंचमी