अयोध्या: यूं तो फागुन के गीतों और भक्ति के रस में डूबी अयोध्या की होली अपने आप में खास महत्व रखती है. लेकिन यहां पर खेली जाने वाली समरसता की होली इसे और खास बनाती है. इस दौरान हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के लोग एक दूसरे संग रंग खेलते हैं और फूलों से एक दूसरे को त्यौहार के लिए शुभकामनाएं देकर उत्साहित भी करते हैं.
अयोध्या में हिंदू-मुसलमान भाइयों ने एक साथ मनाई होली इस बार भी होली की पूर्व संध्या पर अयोध्या में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिली. इसकी शुरुआत रामजन्म भूमि मामले से जुड़े सदस्यों और मुस्लिम समुदाय से जुड़े सदस्यों ने की और होली के आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस दौरान हिंदू-मुस्लिम भाइयों ने मिलकर ये त्यौहार मनाया और एक-दूसरे को गुलाल-अबीर लगाया.
इसमें मुख्य तौर पर हिंदू पक्षकार महंत धर्मदास, मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी, रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने एक साथ पहले फूलों की होली और फिर रंगों संग होली का त्यौहार मनाया, साथ ही एक-दूसरे को गुलाल लगाकर बच्चों के साथ खुशियां बांटी.
सबने एक साथ मिलकर अयोध्या में राम मंदिर बनने की कामना भी की.
राम मंदिर समर्थक बबलू खान ने भी होली खेलते हुए राम मंदिर पर रामदास का समर्थन किया. वहीं मंदिर के लिये सतत आंदोलनरत रहे तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर परमहंस ने भी होली खेली. कार्यक्रम का आयोजन रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के आवास पर किया गया.