अयोध्या : जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी के सान्निध्य में चल रहे तीस चौबीसी जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिन भगवान का जन्मकल्याणक महोत्सव मनाया गया. प्रातः काल पूज्य माताजी के मुखारविंद से जैसे ही तीर्थंकर बालक के जन्म की घोषणा हुई, श्रद्धालुओं से खचाखच भरा विशाल पंडाल भगवान के जयकारों से गूंज उठा. अनेकानेक वाद्य यंत्र बजने लगे और श्रद्धालु खुशी से झूमने लगे. तत्पश्चात् जन्मकल्याणक का भव्य जुलूस अनेक प्रकार के बैंड बाजे, डीजे व शहनाई के धुनों के साथ निकला. जो कोतवाली के सामने से होते हुए लता मंगेश्वर चौक पहुंचा. जहां पर स्वामी रविन्दरकीर्ति ने तीर्थंकरों की शाश्वत जन्मभूमि अयोध्या में दिगम्बर जैन समाज द्वारा कराये जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी दी.
विभिन्न प्रकार की झांकियां बनीं आकर्षण का केंद्र :इस भव्य शोभायात्रा में ऐरावत हाथी व दर्जनों बग्घियां से सुसज्जित इस जुलूस में सौधर्म इन्द्र भगवान को लेकर चल रहे थे. जुलूस में पाश्र्वनाथ दिगबर जैन महिला मंडल दिल्ली की महिलाओं का बैंड एवं प्रेमा ग्रुप वेलगांव-कर्नाटक की महिलाओं एवं बालिकाओं का बैंड की धुनों पर भाव नृत्य एवं भरत का भारत की झांकी, भगवान ऋषभदेव की पुत्रियां ब्राह्मी व सुन्दरी द्वारा अक्षर व अंक विद्या ग्रहण करते हुए झांकी एवं भगवान ऋषभदेव असि, मसि, कृषि, विद्या, वाणिज्य, शिल्प एवं कला का ज्ञान कराते हुए झांकी आदि मुख्य आकर्षण का केन्द्र थीं. जुलूस में अनेक प्रकार के प्रदर्शन का आनंद श्रद्धालु भक्त ले रहे थे.