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अयोध्या: 200 फुट नीचे से तैयार होगी राम मंदिर की नींव, लोहे का नहीं होगा प्रयोग

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में राम मंदिर निर्माण की नींव 200 फुट नीचे से तैयारी की जाएगी. इस निर्माण में सबसे खास बात यह रहेगी कि मंदिर की नींव में लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा.

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जानकारी देते श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय.

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Published : Aug 7, 2020, 8:44 PM IST

अयोध्या: भगवान राम के जन्मस्थान पर बनने वाला मंदिर 1000 वर्षों तक वैसा ही रहेगा. मंदिर निर्माण की नींव 200 फुट नीचे से तैयारी की जाएगी. अयोध्या विकास प्राधिकरण से नक्शा पास होने के बाद ट्रस्ट निर्माण कार्य को आगे बढ़ाएगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार 1992 में इस विवादित ढांचे को गिराया गया था. इसके 12 फुट नीचे तक बड़ी संख्या में ऐतिहासिक वस्तुएं प्राप्त हुई हैं. वहीं खुदाई में राम जन्मभूमि परिसर में मिलने वाली आगे की चीजों पर भी ट्रस्ट अपनी नजर रखेगा.

200 फुट नीचे से तैयार होगी राम मंदिर की नींव.
भूमि पूजन के बाद शुक्रवार को ट्रस्ट की ओर से प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. इस दौरान ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि भूमि पूजन से पहले पीएम मोदी साक्षात रामलला को दंडवत प्रणाम कर अपने माता-पिता और अपने संस्कारों को प्रकट किया. पीएम मोदी के व्यवहार और उनकी विनम्रता का हम सब अभिनंदन करते हैं. मंदिर निर्माण में आगे की प्रक्रिया शुरू हो गई है. अभी कुछ तकनीकी काम बाकी है. चंपत राय ने कहा कि यह हमारी सोच है कि राम मंदिर 1 हजार साल तक सुरक्षित रहे. उन्होंने बताया कि मंदिर के नींव की ड्राइंग बनकर तैयार हो गई है. निर्माण कार्य तो 3 एकड़ जमीन में होना है लेकिन पूरे 70 एकड़ क्षेत्र को ध्यान में रखकर ड्राइंग तैयार की गई है.

राम मंदिर के निर्माण के लिए लार्सन एंड टूब्रो कंपनी भी अपनी कमर कस चुकी है. महासचिव ने बताया कि मंदिर को 1000 वर्षों तक देखने वाला बनाया जाना है, जिसको ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य भी वैसा ही कराया जाएगा. जमीन के 200 फुट नीचे से नींव तैयार की जाएगी. चंपत राय ने कहा कि इमारत का पूरा लोड नींव पर होता है. ऐसे में नींव ठीक वैसे ही बनाई जाएगी, जैसे कि नदी पर पुल बनाया जाता है. इसमें लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी मंदिर 3 एकड़ पर बनेगा लेकिन पूरे 70 एकड़ क्षेत्र के विकास का नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण से पास कराया जाएगा. संपूर्ण क्षेत्र को ध्यान में रखकर शुल्क जमा किया जाएगा.

खुदाई में मिल रहे अमूल्य अवशेष
ट्रस्ट महासचिव ने कहा कि भगवान राम के जन्म स्थान पर कई ऐतिहासिक चीजें प्राप्त हो रही हैं. 1992 में खड़े विवादित ढांचे के 12 फुट नीचे ही प्राचीन अवशेष मिले है. यह किसी खजाने से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरा हमेशा प्रयास रहता है कि भगवान के स्थान पर जो खजाना प्राप्त हो रहा है, उसे लोग देखें. आगे 10 से 12 फुट के नीचे कई ऐतिहासिक चीजें प्राप्त हो सकती हैं, जिस पर ट्रस्ट की पैनी नजर है.

रामलला को दान देने वालों की कमी नहीं
चंपत राय ने बताया कि ट्रस्ट के गठन के बाद से अब तक 30 करोड़ रुपये मंदिर निर्माण के लिए दान में प्राप्त हुआ है. यह राशि रामलला के खाते में सीधे ट्रांसफर की गई है. भूमि पूजन के दिन सुबह ही 31 लाख रुपये दान के रूप में आया था. रामलला के खाते में महावीर ट्रस्ट पटना ने दो करोड़ रुपये दिए हैं. वहीं मुंबई से शिवसेना की ओर से एक करोड़ रुपये का दान प्राप्त हुआ है, जिसको लेकर चंपत राय ने कहा कि यह संभवतः उद्धव ठाकरे की ओर से भेजा गया है. भूमि पूजन के दिन गड्ढे में 3 से 4 घंटे में 49 हजार रुपये प्राप्त हुए हैं.

भगवान राम के जन्म स्थान पर भूमि पूजन से पहले पहला फावड़ा पीएम मोदी ने लगाया. चंपत राय ने कहा कि हम सब के लिए गर्व का विषय है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत पीएम मोदी के हाथों से की गई है. वहीं असदुद्दीन ओवैसी के अयोध्या में मस्जिद बनाने के बयान पर चंपत राय ने कहा अगर वे अयोध्या में ऐसा करना चाहते हैं, तो उनके मुंह में घी शक्कर.

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