अयोध्या: कोरोना संकट काल में हुई बे-मौसम बारिश किसानों पर आफत बनकर टूटी है. बारिश और ओलावृष्टि के कारण जिले में गेहूं और मेंथा की फसल को भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण संकट के दौर से गुजर रहा है. वहीं किसानों पर पड़ी प्रकृति की इस दोहरी मार ने उनकी कमर तोड़कर रख दी है.
अयोध्या: कोरोना संकट काल में किसान पर प्रकृति की दोहरी मार, बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान - Damage to wheat and mentha crop
उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं और मेंथा की फसल को भारी नुकसान हुआ है. कोरोना संकट काल में प्रकृति की इस दोहरी मार से किसान बेहद परेशान है.
सप्ताह में लगातार तीन दिन हुई बारिश के चलते गेहूं के साथ जायद की फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. गुरुवार को सुबह जिले में मौसम विभाग के अनुमान से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. वहीं जिले के बीकापुर सोहावल और अमानीगंज क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि ने किसानों की उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फेर दिया. करीब 20 मिनट हुई ओलावृष्टि से जायद की फसलें मक्का, उड़द और मेंथा की फसलों को पूरी तरह चौपट कर दिया. वहीं गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है.
ओलावृष्टि से मेंथा की फसल बर्बाद
मेंथा की प्रकृति शीतल होती है. लेकिन इसके लिए ओलावृष्टि जहर के समान है. अयोध्या में बे-मौसम बरसात और ओलावृष्टि से मेंथा फसल को भारी नुकसान हुआ है. मवई विकास खंड में भारी ओलावृष्टि दर्ज की गई है. यहां करीब 15 से 20 मिनट ताबड़तोड़ ओलावृष्टि हुई. गेहूं के बाद रोपी गई मेंथा की फसल की भारी क्षति हुई है.
मवई विकासखंड के किसान इसार अहमद का कहना है कि मेंथा की पत्तियां पूरी तरह कट गई हैं. फसल पूरी तरह चौपट हो गई है. वहीं किसान हीरालाल का कहना है कि यह ओलावृष्टि की फसलों के लिए जहर बन गई है. मेंथा के साथ मक्का की फसल भी खराब हो गई है.