अयोध्या:मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के चौथे दीपोत्सव कार्यक्रम को शुरू होने में कुछ ही घंटे का समय बचा है. मुख्य कार्यक्रम स्थल राम की पैड़ी सरयू घाट और राम कथा पार्क में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मंगलवार की शाम आयोजन शुरू होने की पूर्व संध्या पर राम की पैड़ी का परिसर रंगीन रोशनी से नहा उठा. सरयू की लहरों में खूबसूरत रंगीन रोशनी यू बिखर गई, मानों जलते हुए दीपक बिखर गए हों. इस नयनाभिराम दृश्य को देखने के लिए बड़ी संख्या में अयोध्यावासी भी राम की पैड़ी परिसर में पहुंच गए. आने वाले 3 दिनों तक अयोध्या एक ऐतिहासिक आयोजन की गवाह बनेगी. इस मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने राम की पैड़ी परिसर पहुंचकर बेहद खूबसूरत तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद किया और वहां पर मौजूद लोगों से बातचीत भी की.
ईटीवी भारत की टीम ने पहुंची राम की पैड़ी परिसर. तीन दिनों तक भव्य आयोजन की गवाह बनेगी अयोध्या दुल्हन की तरह सजी रामनगरी राम नगरी अयोध्या में बीते 3 वर्षों से लगातार भगवान राम का राज्याभिषेक और दिव्य दीपोत्सव कार्यक्रम हो रहा है. साल 2020 में इस भव्य आयोजन का चौथा वर्ष है और इस बार 5 लाख 51 हज़ार दीप जलाकर एक बार फिर से एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की पूरी तैयारी है. इसके लिए 10,000 वॉलिंटियर्स तैयार किए गए हैं, जो दीपकों को जलाकर एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएंगे. यह पूरा आयोजन राम की पैड़ी परिसर में होगा. इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है.
संतों ने कहा 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद आया है ऐसा मंगल अवसर दुल्हन की तरह सजी रामनगरी कोविड प्रोटोकॉल के कारण इस भव्य आयोजन में आम जनता को शामिल होने की अनुमति नहीं है. बावजूद इसके दूरदराज से लोग इस कार्यक्रम को देखने के लिए अयोध्या पहुंच गए हैं. राम की पैड़ी पर मौजूद संत महावीर दास ने बताया कि दीपोत्सव की परंपरा तो भारत में सदियों से चली आ रही है. लेकिन 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद भगवान राम का मंदिर बन रहा है. इसलिए इस वर्ष का दीपोत्सव बेहद खास और अनूठा है. इसलिए हम इस दीपोत्सव देखने आए हैं. राम की पैड़ी पर मौजूद अंशुल गुप्ता ने भी कहा की इस तरह के आयोजन हमारी संस्कृति और परंपरा के संवाहक हैं. हम सौभाग्यशाली हैं कि अयोध्या में रहकर इस आयोजन के गवाह बनेंगे.
अयोध्या वासियों को रोकना बड़ी चुनौती दुल्हन की तरह सजी रामनगरी कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस आयोजन में सिर्फ उन्हीं लोगों को आने की अनुमति मिलेगी, जिन्हें जिला प्रशासन ने आवश्यक पास जारी किए होंगे. बाहर से भीड़ अयोध्या न पहुंचे, इसके लिए 11 नवंबर की शाम से ही अयोध्या के सभी रास्ते बंद कर सिर्फ अयोध्या के लोगों को ही प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी. इन सब दावों पर विश्वास करना इसलिए आसान नहीं लगता, क्योंकि 5 अगस्त को जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भूमि पूजन करने के लिए आए थे. उस वक्त भी कोरोना को लेकर बेहद सख्ती दिखाई गई थी. बावजूद इसके भूमि पूजन के दिन देर शाम लाखों लोगों की भीड़ तमाम सुरक्षा इंतजामों को धता बताकर राम की पैड़ी परिसर में इकट्ठा हो गई थी. ऐसे में इस बार इस दीपोत्सव कार्यक्रम से आम अयोध्या वासियों को दूर रखना प्रदेश सरकार और अयोध्या पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होगी.