अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट बनने के बाद श्रीराम मंदिर के स्वरूप को पूर्ण रूप देने और एक भव्य निर्माण कराने के लिए ट्रस्ट ने गुरुवार से अपना काम शुरू कर दिया है. इसके शुरुआती दौर में गुरुवार को पहले दिन से लगभग दो जेसीबी, 40 लेबर, मजदूरों को लगाकर इसके समतलीकरण का कार्य अंदर शुरू हो चुका है.
लगभग 23 दिन का लग सकता है समय
इसके अलावा मंदिर के स्थान पर समतलीकरण से पहले श्री राम जन्मभूमि गर्भ गृह का अस्थाई निर्माण शुरू कराया गया है, जिससे श्रद्धालुओं के दर्शन में किसी प्रकार का विघ्न न पड़ने पाए. इस अस्थाई निर्माण में लगभग 23 दिन का समय लगेगा और उसके बाद श्रीरामलला को उनके भाइयों के साथ गर्भ गृह के अस्थाई क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा.
श्री रामलला अस्थाई गर्भ गृह का निर्माण कार्य शुरू. बुलेट प्रूफ होगा निर्माण
वहीं इस गर्भ गृह को बुलेट प्रूफ कॉटेज के रूप में निर्माण कराया जाएगा. लगभग 23 दिन तक चलने वाले इस अस्थाई निर्माण का स्थान श्रीराम जन्मभूमि स्थल के पूर्व और दक्षिण दिशा क्षेत्र में रखा गया है, जिससे मानस भवन में भी किसी प्रकार का कोई अड़चन पूजन कार्यक्रम में न आने पाए.
मंदिर निर्माण से पहले अस्थायी गर्भगृह
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान कहा के अस्थाई गर्भ गृह के निर्माण को लेकर के ट्रस्ट ने हमेशा से ही स्पष्ट किया था कि लोगों के दर्शन एवं पूजन कार्यक्रम में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं आने देंगे. यही कारण है कि मंदिर निर्माण से ठीक पहले इस अस्थाई निर्माण को कराया जा रहा है.
सरकार के फैसले का स्वागत
वहीं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ-साथ गर्भ गृह के जो कॉटेज बनाए जाएगा उसे भी बुलेट प्रूफ बनाने का जो फैसला सरकार ने किया है हम उसका स्वागत करते हैं. हम हमेशा से कहते आए हैं कि 15 जनवरी के बाद से राम जन्मभूमि क्षेत्र में छेनी हथौड़ी की गूंज सुनाई पड़ेगी तो वह आज से प्रारंभ हो चुकी है.अब श्रीराम मंदिर निर्माण शीघ्र ही दिखाई देगा.
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आपको बताते चलें कि श्रीराम जन्मभूमि का फैसला सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से 9 नवंबर 2019 को आया था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने श्रीराम लला के पक्ष में फैसला सुनाया था और विवादित जमीन को श्री रामलला को देने का फैसला दिया था. वहीं मुस्लिम पक्षकारों को 5 एकड़ की जमीन देने का आदेश दिया था.