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अक्टूबर महीने के मध्य से शुरू हो सकता है राम मंदिर का निर्माण कार्य: चंपत राय - राम मंदिर निर्माण पर बोले चंपत राय

अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने अभी वक्त लग सकता है, इस बात की जानकारी ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी. उन्होंने कहा कि अक्टूबर महीने के मध्य से राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो सकता है.

राम मंदिर निर्माण पर बोले चंपत राय.
राम मंदिर निर्माण पर बोले चंपत राय.

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Published : Sep 8, 2020, 10:13 PM IST

अयोध्या:श्री राम मंदिर निर्माण के लिए अभी राम भक्तों को एक महीने का इंतजार और करना पड़ सकता है. दरअसल, मंगलवार को राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के साथ मंदिर निर्माण के लिए अधिकृत कार्यदायी संस्था एल एंड टी के अधिकारियों और ट्रस्ट के सदस्यों की एक अनौपचारिक बैठक हुई. बैठक में मंदिर निर्माण के लिए आवश्यक मुद्दों पर भी चर्चा हुई. इस बैठक के बाद राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपर राय ने यह जानकारी मीडिया से साझा की.

15 अक्टूबर से शुरु हो सकता है निर्माण कार्य
चंपर राय ने बताया कि अभी कानपुर से एक रिंग मशीन आई है. यह मशीन 1 मीटर चौड़ा व्यास और 100 फीट गहरा गड्ढा खोदकर उसमें टेस्टिंग के तौर पर एक पिलर बनाएगी. इसके बाद आईआईटी चेन्नई की टीम इस खंबे की मजबूती की जांच करेगी. जांच रिपोर्ट आने में करीब एक महीने का समय लग सकता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि अक्टूबर महीने के मध्य से राम मंदिर निर्माण की नींव के लिए खुदाई और पिलर बनाने का काम नियमित रूप से शुरु हो जाएगा.

श्री राम मंदिर निर्माण पर बोले चंपत राय.

चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर में ऐसे 1200 पिलर बनाए जाने हैं, इसके लिए कई मशीनें लगाई जाएंगी. राय ने बताया कि कि मंदिर की बुनियाद की आयु मंदिर में लगे पत्थरों से ज्यादा हो, इसीलिए आईआईटी चेन्नई के तकनीकी विशेषज्ञों के द्वारा हर छोटी से छोटी तकनीकी खामियों की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था के तकनीकी विशेषज्ञ गंभीरता से चर्चा कर रहे हैं. चर्चा के बाद ही तय किया जाएगा कि मंदिर निर्माण के लिए साम्रगी की गुणवत्ता क्या होगी.

मंदिर निर्माण में लगेंगे करीब 39 माह
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को तराशा जा चुका है. हमारा यह प्रयास होगा कि राम घाट स्थित कार्यशाला से सभी पत्थर एक ही बार में राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचा दिए जाएं. जिससे वहां पर उनकी गिनती हो जाए और यदि दो चार पत्थर कम पड़ते हैं तो उन्हें तराशने का कार्य जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए. चंपत राय के मुताबिक मंदिर निर्माण में करीब 39 महीनों का समय लग सकता है.

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