उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

आस्था और आध्यात्म की नगरी में भी बिखरी प्रभु यीशु के जन्मदिन की खुशियां

रामनगरी अयोध्या में भी क्रिसमस के मौके पर बड़ी संख्या में चर्च में लोग उपस्थित हुए. सुबह से ही चर्च परिसर में लोगों का आना शुरू हो गया था. प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन के अवसर पर न सिर्फ ईसाई समुदाय, बल्कि विभिन्न वर्गों के लोग भी इस आयोजन में शामिल हुए

By

Published : Dec 27, 2020, 5:53 PM IST

christmas day celebration in ayodhya
अयोध्या में धूमधाम के साथ मनाया गया क्रिसमस डे.

अयोध्या :पूरी दुनिया में शांति, प्रेम और सद्भाव का संदेश देने वाले प्रभु ईसा मसीह का जन्मदिन राम नगरी अयोध्या में भी आस्था, श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. शहर के सिविल लाइन स्थित सेंट मैरी चर्च में पहुंचे ईसाई समुदाय के लोगों ने प्रार्थना सभा का आयोजन किया. सभा के बाद लोगों ने कैंडल जलाई और इस पर्व के मौके पर एक-दूसरे को बधाई दी. इस दौरान परिसर में मेले जैसा माहौल रहा.

धूमधाम के साथ मनाया गया क्रिसमस डे.
24 की रात से ही शुरू हो गया था बड़े दिन का सेलिब्रेशन

क्रिसमस के मौके पर बड़ी संख्या में चर्च में लोग उपस्थित हुए. सुबह से ही चर्च परिसर में लोगों का आना शुरू हो गया था. प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन के अवसर पर न सिर्फ ईसाई समुदाय, बल्कि विभिन्न वर्गों के लोग भी इस आयोजन में शामिल हुए. इस पर्व में शामिल होने आई फ्लोरिना दयाल ने बताया कि क्रिसमस का पर्व 24 की रात से ही शुरू हो जाता है. 24 दिसंबर की रात हम लोग चर्च में आते हैं. इस रात को वॉच नाईट कहा जाता है, जिसमें चर्च में पास्टर सरमन का आयोजन होता है. हम लोग गाने गाते हैं. इसके बाद केक कटिंग सेरमनी होती है और एक-दूसरे को केक खिलाकर अपनी खुशी जाहिर करते हैं.

लोगों की जुटी भीड़.
प्रेम का संदेश देने दुनिया में आए थे प्रभु यीशु

शहर के सेंट मेथाडिस्ट चर्च में प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आई गीता राजपूत चार्ल्स ने कहा कि प्रभु ईसा मसीह का जन्म पूरी दुनिया में शांति प्रेम का संदेश देने के लिए ही हुआ था. प्रभु ईसा मसीह सिर्फ ईसाई समुदाय के ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेम, दया और सद्भाव के प्रतीक हैं. इस पर्व को सभी को मिलकर मनाना चाहिए. जो भी प्रभु यीशु में अपनी आस्था रखता है, अपना विश्वास रखता है. प्रभु यीसू उसके सभी कष्टों को दूर करते हैं. हम भी इसी मान्यता के चलते चर्च में आते हैं और आज का दिन इंसानियत के लिए आपसी प्रेम और भाईचारे के लिए एक बहुत बड़ा दिन है.

प्रार्थना में शामिल लोग.
कोविड-19 प्रोटोकॉल के चलते प्रार्थना के बाद बंद हुआ चर्च

सभी पर्व त्योहारों की तरह क्रिसमस के पर्व पर भी कोरोना संक्रमण की छाया रही, जिसके कारण प्रार्थना सभा के बाद चर्च के गेट बंद करने पड़े. चर्च के गेट बंद होने का बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु चर्च परिसर में बने पार्क में अपने परिवार के साथ मौजूद रहे और नाचते गाते हुए उन्होंने इस पर्व को मनाया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details