अयोध्या : कारसेवकपुरम में आयोजित विहिप, संतों और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक के बाद ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जनवरी माह में नींव बनाने का काम शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि नींव के पिलर्स जो नमूने के तौर पर बने थे, वे मशीन से हुई जांच में अपेक्षित सही नहीं पाए गए .
'नींव की रिपोर्ट पर कर रहे विमर्श'
चम्पत राय ने कहा कि आईआईटी चेन्नई, आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी गुवाहाटी, सीबीआरआई रुड़की के वर्तनाम व रिटायर्ड वैज्ञानिक नींव की रिपोर्ट पर विमर्श कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नींव के स्थान पर 17 मीटर पर नीचे जमीन में भुरभुरी बालू है, उसके नीचे भी मिट्टी नहीं है. भुरभुरी बालू में पकड़ नहीं होती, जिससे वह ठोस नहीं हो पाता. उन्होंने कहा कि भविष्य में जलप्रपात की कोई घटना केदारनाथ की तरह हो तो उससे बचाव के लिए जमीन के नीचे पानी के प्रवाह रोकने के लिए रिटेनिंग वॉल बनाई जाएगी. इसमें बांध बनाने की पद्धति का प्रयोग किया जाएगा.