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कीचड़ बनी अयोध्या की बैसिंग गोशाला, लगातार हो रही गोवंशों की मौत - cattle are dying in basing gaushala in ayodhya

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में स्थित बैसिंग गोशाला में गोवंशों के मरने का मामला सामने आया है. वहीं अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय का कहना है कि जांच करा कर लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बैसिंग गोशाला में अव्यवस्था.
बैसिंग गोशाला में अव्यवस्था.

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Published : Sep 26, 2020, 5:21 PM IST

अयोध्या: प्रदेश की योगी सरकार गोवंशों की सुरक्षा और संरक्षण को लेकर कई योजनाएं चला रही है. प्रदेश में गोवंश की हत्या करने वालों के खिलाफ कड़े कानून भी तय किए गए हैं. यही नहीं प्रदेश सरकार ने कई गोशालाओं का निर्माण भी कराया है, लेकिन इन गोशालाओं की जमीनी हकीकत कुछ और ही है.

देखें ये रिपोर्ट...

अयोध्या जिले की बैसिंग गोशाला में दर्जनों गोवंशों के मरने का मामला सामने आया है. जब ईटीवी भारत की टीम ने गोशाला का जायजा लिया तो हकीकत सामने आई. बैसिंग गोशाला के हालात का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम जब गोशाला पहुंची तो वहां के हालात को देखकर दंग रह गए. बारिश के कारण पूरी गोशाला में दो फीट तक कीचड़ भरा हुआ था, जिससे गोवंश कीचड़ में घुट-घुट कर मरने को मजबूर थे. उचित देखरेख के अभाव में अभी तक दर्जन भर से अधिक गोवंशों की मौत हो चुकी है.

पूरी गोशाला में भरा है कीचड़
बता दें कि गोशाला के अंदर चारों तरफ सिर्फ कीचड़ ही कीचड़ भरा हुआ है. ट्रैक्टर के जरिये ईटीवी भारत की टीम उस स्थान पर पहुंची, जहां पर गोवंश मृत पड़े हुए थे. जेसीबी के द्वारा गोवंशों के शवों को एक गड्ढे में फेंकने का काम चल रहा था. ईटीवी भारत की टीम को वहां पर देखकर गोवंश को दफना रहा जेसीबी चालक जेसीबी मशीन लेकर भागने लगा.

कीचड़ में रहने को मजबूर गोवंश.

आनन-फानन में गोशाला पहुंचे महापौर
इस मामले की खबर नगर निगम अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय को मिली तो आनन-फानन में वह गोशाला पहुंच गए. हालात की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने खुद ट्रैक्टर पर बैठकर पूरी गोशाला का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने यह पाया कि कई स्थानों पर गोवंश मृत पड़े हुए हैं. महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.

नहीं बदल रही गोशाला की व्यवस्था
बताते चलें कि इस गोशाला में पहले भी गोवंशों की दुर्दशा और उनकी मौत का मामला सामने आ चुका है. इसको लेकर जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो चुकी है. बावजूद इसके गोशाला की व्यवस्था बदल नहीं पा रही है. नगर निगम छुट्टा जानवरों का आतंक समाप्त करने के लिए उन्हें कॉउ कैचर टीम द्वारा गाड़ियों में भरकर इन गोशालाओं में लाकर कैद कर देता है, लेकिन यहां पर इनके खाने, रहने और चिकित्सा की समुचित व्यवस्था न होने के कारण इन्हें बेमौत मरना पड़ता है.

गोशाला में आखरी सांसें गिन रहे गोवंश
शुक्रवार को भी गोशाला में डेढ़ दर्जन से अधिक गोवंशों के मरने की जानकारी मिली, लेकिन नगर निगम के महापौर सिर्फ आधा दर्जन गोवंशों के मरने की और दर्जन भर के बीमार होने की बात कहते रहे, जबकि असल हकीकत क्या है, यह तस्वीरों में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है. गोशाला में कीचड़ में फंसे हुए गोवंश आखरी सांसें गिन रहे हैं. चारों तरफ गंदगी होने के कारण उनके खाने और बैठने के लिए जगह नहीं है.

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