अयोध्या: राम की नगरी अयोध्या में स्थित बधाई भवन एक ऐसा मंदिर है, जहां संत की गोद में भगवान बैठे हैं. यहां भगवान की पूजा से ज्यादा महत्व मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हनुमत निवास की परंपरा के सिद्ध सन्त गोमती दास महाराज की मूर्ति का है. उन्हें भगवान से भी बढ़कर माना जाता है.
गुरु को गोविंद मानकर भगवान को गोद में स्थापित कर दिया
हनुमान के विशिष्ट कृपा प्राप्त संतों में गोमती दास महाराज प्रमुख माने जाते हैं. उनकी तपस्या से प्रभावित होकर शिष्य परंपरा में कई तपस्वी संतों ने शरण ली. उनके कृपापात्र शिष्य अयोध्या सरयू शरण ने उनका जन्मदिन मनाने और बधाई गायन की अनुमति मांगी. गुरु को ही गोविंद मानकर भगवान को उनकी गोद में स्थापित कर दिया. इस पर गोमती दास महाराज ने कहा कि हमारे मंदिर हनुमत निवास में मेरे सामने यह नहीं हो सकता. इस पर उनके विशेष शिष्य अयोध्या सरयू शरण ने सहर्ष मंदिर बनाकर गुरुदेव गोमती दास की मूर्ति की स्थापना की और गुरु को ही गोविंद मानकर उनकी गोद में स्थापित कर दिया. तभी से इस मंदिर का नाम बधाई भवन रखा गया.