अयोध्या:श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की देखरेख में अयोध्या का वैभव लौटाने का काम तेजी पर है. मंदिर निर्माण के लिए 39 माह की अवधि तय है. साथ ही रामनगरी के विकास की अनेक योजनाएं भी आकार लेने लगी हैं. अगले कुछ ही सालों में रामनगरी अयोध्या बदली-बदली दिखाई देगी. भगवान राम की 251 फिट उंची प्रतिमा व चार किलोमीटर लंबी सीता झील श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र बनेगी.
जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य प्रतिमा स्थल पर भगवान श्रीराम पर आधारित डिजिटल म्यूजियम, इंटरप्रेटेशन सेंटर, लाईब्रेरी, फूड प्लाजा, लैंडस्केपिंग के साथ पयर्टकों की मूलभूत सुविधाओं की स्थापना करने के निर्देश सरकार द्वारा दिये गये हैं.
4 किलोमीटर लम्बी व आधा किलोमीटर चौड़ी होगी सीता झील
सीता झील अफीक कोठी से लेकर ब्रहमकुंड गुरुद्वारा तक करीब चार किलोमीटर लम्बी व आधा किलोमीटर चौड़ी होगी. परिक्रमा मार्ग के उत्तर तरफ सरयू नदी के किनारे 200 हेक्टेयर भूमि में इसको विकसित किया जायेगा. झील में सरयू की अविरल जलधारा निरंतर बहती रहेगी. यह श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र बनेगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अयोध्या से विशेष लगाव
जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अयोध्या से विशेष लगाव है. उन्होंने बताया कि सरयू भगवान को अत्यंत प्रिय हैं. इस नदी के किनारे ही भगवान का बालपन बीता. स्वामी श्रीधराचार्य के अनुसार सरयू अयोध्या की पहचान है. ये जल रूप में ब्रम्ह हैं. इनका दर्शन, पूजन, स्पर्श व स्नान परम कल्याणकारी है. इसी भावना से लाखों लोग सरयू स्नान, दर्शन करते हैं.
गुप्तारघाट से लेकर राजा दशरथ की समाधि तक सरयूतट का होगा विकास
अयोध्या का वैभव बढ़ने के साथ ही सरयूतट के विकास का खाका खींचा गया है. गुप्तारघाट से लेकर राजा दशरथ की समाधि तक सरयूतट का क्रमशः विकास होना है. पर्यटकों के लिए क्रूज वाहन अगले वर्ष चलने के आसार हैं. अयोध्या के चौधरी चरण सिंह घाट से लेकर कौशिल्या घाट तक सरयू घाट बन चुके हैं. इसके दोनों शिराओं को विकसित करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. अयोध्या के चारों ओर करीब 70 किलोमीटर लंबे रिंग रोड का डीपीआर बन रहा है. सरकार की योजना सरयू किनारे को पर्यटकों के लिए पूर्ण रुप से विकसित करना है.