अयोध्या में पाकिस्तान की मिट्टी से बना विश्व का सबसे बड़ा दीया अयोध्या: रामनगरी में भगवान राम के महल में आगमन की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है. हर ओर राम नाम का उल्लास है और हर कोई अपने-अपने तरीके से भगवान राम के लिए अपनी भक्ति का प्रदर्शन कर रहा है. कुछ ऐसी ही भक्ति तपस्वी छावनी के जगतगुरु परमहंस आचार्य की तरफ से भी की जा रही है. जहां तपस्वी छावनी के पास स्थित तुलसी बाड़ी में दुनिया का सबसे बड़ा दीया तैयार किया गया है. खास बात यह है कि इसमें 10 हजार लीटर तेल जलेगा और लगभग सवा क्विंटल रूई की इसमें बाती बनाई जाएगी. बता दें कि 19 जनवरी को शाम के 6 बजे इस दीपक को जलाया जाएगा. बड़ी बात यह है कि दीया बनाने के लिए देश के अलग-अलग शक्ति पीठ के साथ पाकिस्तान के सिद्धपीठ से भी मिट्टी लाई गई है.
अयोध्या में हर ओर उल्लास का माहौल है. हर गली-हर मोहल्ला राम की धुन में रमा हुआ है. अयोध्या की धरती भगवान राम के महल में आने का इंतजार कर रही है. उनके स्वागत में अयोध्या की हवा में भी उस अहसास को महसूस किया जा सकता है. इस बार अयोध्या के संतों में भी उतनी ही खुशी देखने को मिल रही है. अयोध्या के संत इस बात से खुश हैं कि उनके आराध्य उनकी नगरी के राजा अब महल में आने वाले हैं. ऐसे में दीपावली मनाने की तैयारी भी शुरू हो गई है. रामघाट पर राम ज्योति तैयार की जा रही है. मजदूर इसे बनाने में अभी भी लगे हुए हैं. 19 तारीख की शाम को इस दीये को जलाया जाना है. तपस्वी छावनी के जगतगुरु परमहंस आचार्य की ओर से इस दीये को तुलसी बाड़ी में तैयार कराया जा रहा है.
पवित्र तीर्थ स्थलों से लाई गई मिट्टी
परमहंस आचार्य का कहना है कि भगवान राम के आने पर इस बार दीपावली हम पहले ही मनाना शुरू कर देंगे. सभी को दिवाली मनानी चाहिए. वहीं, बड़ी छावनी के लिए संत अनिल दास बताते हैं कि तपस्वी छावनी के हमारे गुरु के द्वारा यह फैसला लिया गया था कि जब राम मंदिर का निर्माण होगा, तब हम त्रेतायुग की दीपावली मनाएंगे. लगभग एक साल पहले हमारे गुरु ने 108 लोगों की टीम बनाकर इसकी तैयारी शुरू कर दी थी. इस दौरान सभी पवित्र तीर्थों का जल, वहां की मिट्टी, पवित्र नदियों का जल लाकर यहां दीया बनाने का काम शुरू किया गया. माताजी का एक पवित्र शक्तिपीठ पाकिस्तान में भी है. वहां की भी मिट्टी लाकर दीया बनाने का काम किया गया है. इसी तरह से सभी पवित्र स्थानों से मिट्टी और जल लाया गया है.
दीये में पड़ेगा 10 हजार लीटर तेल
उन्होंने बताया कि इस दीपक का निर्माण गाय के घी से कराया गया है. इसमें 500 मजदूर काम करते थे. कुछ काम मशीनों से हुआ है. इस दीपक को बनाने में एक हजार टन मिट्टी लगी है. प्रभु श्री राम अपने भव्य, दिव्य और अलौकिक घर में विराजमान होने जा रहे हैं. संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के आदर्श को संपूर्ण धरती पर स्थापित करने के लिए, सभी का जीवन प्रकाशमय रहे इसी ध्येय से इस दीपक का निर्माण किया गया है. एक महीने से इस दीपक को बनाने का काम चल रहा है. इस दीये में 10 हजार लीटर तेल डाला जाएगा. सवा क्विंटल रूई की इसकी बाती बनाई जाएगी. 19 जनवरी को शाम के 6 बजे इस दीपक को जलाया जाएगा. इस बार दीपावली की शुरुआत जनवरी में कर दी जाएगी. सीएम योगी आदित्यनाथ को निमंत्रण गया है.
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