अयोध्या :आगामी 22 जनवरी को होने वाली रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी को लेकर दिन-रात काम चल रहा है. सरकार की सैकड़ों योजनाओं ने शहर की सूरत बदल दी है. सड़कों के चौड़ीकरण से लेकर रंगाई-पुताई और साफ-सफाई का काम युद्धस्तर पर हो रहा है. ऐसे में हमने बात की अयोध्या के महापौर (मेयर) गिरीश पति त्रिपाठी से और जाना कि अयोध्या में कितनी योजनाओं के तहत विकास के क्या काम हो रहे हैं, 22 जनवरी के कार्यक्रम की क्या तैयारी है? देखिए पूरा साक्षात्कार...
प्रश्न : अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का बहुत बड़ा आयोजन होने जा रहा है. इस आयोजन की क्या तैयारी है?
उत्तर : अयोध्या नगर निगम और समाज के स्तर पर इस आयोजन की व्यापक तैयारी है. जैसा कि प्रधानमंत्री ने अपेक्षा की है कि अयोध्या को सबसे स्वच्छ नगर बनाना है. इस दृष्टिकोण से हम लोग सातों दिन, चौबीस घंटे सफाई की व्यवस्था कर रहे हैं. सुंदर लाइटें लगाई जा रही हैं जगह-जगह पर. स्वच्छ पेयजल की भी व्यवस्थाएं हैं. लोगों की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क, हीटर्स और यहां आने वाले अतिथियों के लिए पांच हजार लोगों के ठहरने लायक एक टेंट सिटी भी बना रहे हैं. हमारी व्यापक तैयारी है. अयोध्या की समस्त गलियों को हम लोग कवर कर रहे हैं. यह तैयारियां छह माह पहले शुरू हुई थीं, जो लगभग पूर्ण हो चुकी हैं. अयोध्या नगर निगम श्रद्धालुओं को हर आवश्यक सुविधा देने के लिए काम कर रहा है.
प्रश्न : आप लोग पांच हजार लोगों के लिए टेंट सिटी बना रहे हैं, लेकिन यहां आने वाले श्रद्धालु और अतिथियों की संख्या कहीं ज्यादा होने वाली है. इसे आप कैसे व्यवस्थित करेंगे?
उत्तर : हमारे परंपरागत तरीके से जो रैन बसेरे हैं, वह तो हैं ही. इसके अतिरिक्त राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र व शासन के अलग-अलग विभाग भी टेंट सिटी बना रहे हैं. वैसे भी अयोध्या आश्रमों का शहर है, तो वहां हजारों लोगों के ठहरने के प्रबंध तो हैं ही. अयोध्या के सामान्य मेलों में भी दस-बीस लाख लोग आते हैं. इसलिए रुकने आदि की कहीं कोई समस्या नहीं होने वाली है.
प्रश्न : अयोध्या में लोगों की उम्मीद से ज्यादा विकास कार्य हो रहे हैं. सड़कों का निर्माण हो या सीवर आदि की व्यवस्था, काम बहुत तेजी से किए जा रहे हैं. सरकार की क्या योजनाएं हैं और इनमें कितना पैसा आया है?
उत्तर : करीब तीस हजार करोड़ की 179 परियोजनाएं अयोध्या में चल रही हैं. नगर निगम, प्रदेश और केंद्र सरकार के माध्यम से तमाम कार्य किए जा रहे हैं. जो बड़े-बड़े काम दिखाई पड़ रहे हैं, वह राम पथ का है, धर्म पथ और भक्ति पथ का है. इसके अलावा नगर निगम से जुड़ी बहुत सारी योजनाएं हैं. मल्टीलेबल पार्किंग भी बनकर तैयार हो गई है. विकास प्राधिकरण भी कुछ मल्टीलेबल पार्किंग बना रहा है. साल दो साल पहले आने वाला व्यक्ति आज की अयोध्या को पहचान नहीं पाएगा. इतना परिवर्तन अयोध्या में हुआ है. अयोध्या के सांस्कृतिक वैभव को लौटाने की हमारी सरकार की मंशा है.
प्रश्न : अयोध्या के लोगों ने आंदोलन का दौर भी देखा है. उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि अयोध्या का पुराना वैभव लौटेगा. इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
उत्तर : यह सब राम जी की मर्जी है. रामजी अपने मंदिर में पधारने वाले हैं. जैसे त्रेता युग में हुआ था, सौंदर्य और सुविधाओं के दृष्टिकोण से हम हर तरह के कीर्तिमान गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. अयोध्या वासियों ने बहुत संघर्ष किया है राम मंदिर के लिए. कितनी बंदियां और कर्फ्यू झेले हैं. शासन-प्रशासन की प्रताड़ना झेली है, तब आज जाकर भगवान के मंदिर को देखने की स्थिति में आए हैं. अयोध्यावासियों की जो तपस्या है, वह भी पूर्ण होने की कगार पर है. उनको भी अच्छा लग रहा है और यह उत्साह प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में आपको दिखाई देगा.
प्रश्न : आपने तमाम योजनाओं के विषय में बताया, लेकिन क्या भविष्य को लेकर कुछ ऐसा प्लान है, जो आप करना चाहेंगे शहर के विकास के लिए?
उत्तर : देखिए अभी तो हम 22 जनवरी के कार्यक्रम को ध्यान में रखकर तैयारी कर रहे हैं, लेकिन हमें लगता है, जो एवरेज लोगों का अयोध्या में जो आवागमन है, वह डेढ़ से दो लाख प्रतिदिन हो जाएगा. उस दृष्टिकोण से नगरीय सुविधाएं क्या हो सकती हैं? क्या हमें और करना है, इन सारी चीजों का आकलन करके कार्य योजना बनाई जाएगी. आज की अयोध्या एक अंतरराष्ट्रीय अध्यात्म का केंद्र बनकर उभरी है. इससे लोगों का आवागमन यहां पर बढ़ेगा. इसलिए हमारी सरकार जो भी आवश्यकताएं होंगी, उन्हें पूरा करने का काम करेगी.
प्रश्न : आप अयोध्या के प्रथम नागरिक हैं इसलिए प्रधानमंत्री और अन्य अतिथियों के स्वागत की आपने क्या तैयारी की है?
उत्तर : हम तो रामलला के स्वागत के लिए तैयार हैं. प्रधानमंत्री जी के स्वागत के लिए भी तैयार हैं. यह सौभाग्य की बात है कि रामलला अपने गर्भगृह में पधार रहे हैं. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री उस कार्यक्रम के साक्षी रहेंगे. एक नागरिक और प्रथम नागरिक होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी है कि आगे बढ़कर उनका साफ-सफाई के साथ स्वागत करें. मैं उस पल के लिए भी रोमांचित हूं, जब भगवान अपने गर्भगृह में विराजमान होंगे और हम सबको उनके दर्शन प्राप्त होंगे.