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प्रसिद्ध सावन झूलनोत्सव कार्यक्रम संपन्न, चांदी के झूले से उतरकर सिंहासन पर बैठेंगे रामलला

अयोध्या में आयोजित होने वाला प्रसिद्ध सावन झूला मेला शुक्रवार की शाम को समापन हो जाएगा. मेले के समापन के साथ ही भगवान राम की प्रतिमा को चांदी के झूले से उतरकर सिंहासन पर विराजमान किया जाएगा.

रामलला की झांकी
रामलला की झांकी

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Published : Aug 12, 2022, 8:35 PM IST

अयोध्या :राम नगरी में आयोजित होने वाले प्रसिद्ध सावन झूला मेले का शुक्रवार की शाम को समापन हो जाएगा. यह मेला सावन माह में नाग पंचमी के पर्व से शुरू हुआ था. सावन पूर्णिमा के मुहूर्त पर इस मेले का समापन होगा. मेले के समापन के साथ ही भगवान राम की प्रतिमा को चांदी के झूले से उतरकर सिंहासन पर विराजमान किया जाएगा. अयोध्या के सभी मंदिरों में झूले में विराजमान रामलला को सिंहासन पर बिठाया जाएगा.

परंपरा के अनुसार राम जन्मभूमि परिसर में भी झूले पर बाल स्वरूप में विराजमान भगवान राम को झूले से उतारकर सिंहासन पर बिठाया जाएगा. रामलला को सिंहासन से उतारने से पूर्व उनकी आरती होगी, उसके बाद सावन झूला मेले का समापन होगा. सावन झूला मेले का समापन शुक्रवार की देर शाम को होगा. इस अवसर पर अयोध्या के मंदिरों में कजरी गायन का आयोजन होगा.

सावन झूलनोत्सव कार्यक्रम समाप्त

इस वर्ष प्रतिदिन भगवान राम को सावन के पद और कजरी गायन सुनाया गया. यह पहला मौका था, जब रामलला के दर्शन अवधि में श्रद्धालु रामलला के झूलनोत्सव के स्वरूप का भी दर्शन कर रहे थे. श्रद्धालु रामलला के दर्शन के साथ-साथ सावन के गीत और भजन का आनंद भी ले रहे थे. भगवान राम वर्ष 1992 से टेंट में थे, उनकी मूलभूत सुविधाएं उनको नहीं दी जा सकतीं थीं.

सावन पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने सरयू में लगाई डुबकी

राम मंदिर पक्ष में फैसला आने के बाद ट्रस्ट का गठन हुआ. ट्रस्ट ने अस्थाई मंदिर में भगवान राम को शिफ्ट कर दिया. इसके बाद हर त्योहार और उत्सव धूमधाम से मनाने की शुरूआत हो गई. भगवान राम के लिए चांदी का झूला आया और भगवान वह सावन भर चांदी के झूले पर विराजमान रहे. सावन के आखिरी दिन अब तक लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए.

सावन पूर्णिमा पर अयोध्या में उमड़े श्रद्धालु

सावन पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने सरयू में लगाई डुबकी :
सावन पूर्णिमा के अवसर पर धर्म नगरी अयोध्या के लाखों श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में डुबकी लगाई. इसके बाद श्रद्धालुओं ने अयोध्या के प्रमुख मठ-मंदिरों में दर्शन-पूजन किया. रामलला के अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि सावन माह में आयोजित होने वाले झूलनोत्सव का आज समापन हो जाएगा. भगवान अपने सिंहासन पर कल से विराजमान हो जाएंगे, सावन की पूर्णिमा के अवसर पर झूलनोत्सव समाप्त हो जाएगा. सावन पूर्णिमा को रक्षाबंधन भी होता है, जो आज संपन्न हो गया. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि पूर्णिमा तिथि सुबह 7:16 तक ही थी. आज पूर्णिमा थी, लेकिन उदया तिथि में जो तिथि मिलती है उसे पूरा दिन माना जाता है. ऐसे में आज पूरा दिन पूर्णिमा माना गया है.

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