अयोध्या:सुप्रीम कोर्ट में चल रहे राम जन्म भूमि मामले में अब तक कोर्ट की मध्यस्थता पर ही सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. इस मामले में हिंदुओं के पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मध्यस्थता पर संशय जताया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट से मुख्य मामले की सुनवाई जल्द शुरू करने की भी वकालत की है. कोर्ट ने गोपाल सिंह विशारद की इस याचिका को स्वीकार कर लिया है और 11 जुलाई को इस याचिका पर सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई
11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करने जा रहा है. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे इस मामले की सुनवाई करेगी. हिंदुओं के पक्षकार की ओर से दायर याचिका पर कोर्ट का रुख क्या होगा यह अभी तय नहीं है, लेकिन मध्यस्थता के फैसले से ठीक पहले इस मामले की सुनवाई से दोनों पक्ष आंशिकत हैं. हिंदू पक्षकार के मधयस्थता के खिलाफ खड़े होने के साथ ही इसकी सफलता पर भी संशय खड़ा हो गया है. 15 अगस्त तक मध्यस्थता कमेटी को अपनी रिपोर्ट देनी है.
मध्यस्थता कमेटी
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 8 मार्च को अयोध्या मामले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता को इजाजत दे दी थी. इसके लिए कोर्ट ने तीन सदस्यीय मध्यस्थता कमेटी भी गठित की थी. जस्टिस खलीफुल्ला के नेतृत्व वाली इस कमेटी में वकील श्रीराम पंचू और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर शामिल हैं. कोर्ट कमेटी के तीनों सदस्यों की रिपोर्ट की अलग-अलग सुनवाई करेगा. इस कमेटी को 15 अगस्त तक अपनी अंतिम रिपोर्ट देनी है.