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Published : Feb 2, 2023, 4:39 PM IST

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Ayadhya news : शालिग्राम शिलाएं लेकर अयोध्या पहुंचे जनकपुरवासी, रामभक्तों के आंखों छलके खुशी के आंसू

नेपाल के जनकपुर की काली गंडकी नदी से लाईं गईं 2 शालिग्राम शिलाएं (shaligram shila) अयाेध्या पहुंच गईं. राम सेवक पुरम परिसर में पूजन के बाद इन शिलाओं काे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंप दिया गया.

नेपाल से लाईं गईं शालिग्राम शिलाओं का अयाेध्या में पूजन किया गया.
नेपाल से लाईं गईं शालिग्राम शिलाओं का अयाेध्या में पूजन किया गया.

नेपाल से लाईं गईं शालिग्राम शिलाओं का अयाेध्या में पूजन किया गया.

अयाेध्या :नेपाल के जनकपुर की काली गंडकी नदी से निकालकर लाई गईं 2 शालिग्राम शिलाएं गुरुवार की सुबह अयोध्या पहुंच गईं. इस दौरान राम सेवक पुरम परिसर में काफी लाेगाें की भीड़ रही. परिसर में करीब 1 घंटे तक वैदिक मंत्रोचार के बीच इन पवित्र शिलाओं का पूजन किया गया. यजमान की भूमिका में नेपाल के जनकपुर जानकी मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास, उनके उत्तराधिकारी महंत रोशन दास सहित नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री, नगर पालिका अध्यक्ष और कई अन्य गणमान्य मौजूद रहे. पूजन के बाद इन 2 विशालकाय शिलाओं को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंप दिया गया.

नेपाल के जनकपुर के जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंत रोशन दास ने बताया कि 26 जनवरी को शालिग्राम शिलाएं नेपाल के जनकपुर से रवाना की गईं थीं. इन शिलाओं से भगवान राम लला और माता सीता की मूर्ति का निर्माण किया जाना है. इन शिलाखंडाें के अलावा गुरुवार की सुबह जनकपुर से आए अतिथियों ने शालिग्राम भगवान के छोटे-छोटे स्वरूप भी ट्रस्ट को उपहार स्वरूप भेंट किए. इन्हें सम्मान के साथ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और सदस्य अनिल मिश्र ने स्वीकार किया. इन्हें भी पूजन-अर्चन बाद रामलला परिसर में पहुंचाया जाएगा.

नेपाल से लाईं गईं शालिग्राम शिलाओं के पूजन के दौरान काफी लाेग मौजूद रहे.

त्रेता में आईं थीं जानकी, आज राम काे भी ले आए :महंत रोशन दास इस अवसर पर काफी भावविभोर दिखे. उनकी आंखों में आंसू छलक आए. उन्हाेंने कहा कि त्रेता युग में मां जानकी जनकपुर से विदा होकर अयोध्या आईं थीं. आज भगवान राम को भी जनकपुर से अयोध्या ले आए हैं. समस्त जनकपुरवासी बेदद खुश हैं. नेपाल से आए शालिग्राम पत्थरों से भगवान राम की मूर्ति का निर्माण होगा, यह सौभाग्य की बात है.

देवशिला के रूप में जाने जाएंगे पत्थर : राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि बीते 6 दिनों से शालिग्राम पत्थर के रूप में जाने जा रहे 26 टन और 14 टन के 2 विशालकाय शिलाखंड अयोध्या में ट्रस्ट को सौंपे जाने के बाद अब देवशिला के रूप में जाने जाएंगे. ट्रस्ट ने इन्हें देवशिला का नाम दे दिया है. दोनों ही देशों ने आपसी प्रेम भाव के साथ इन शिलाखंडों का आदान-प्रदान किया गया है. इसके लिए बाकायदा एक पत्र भी दिया गया है. इस पर नेपाल सरकार की सहमति से इन विशालकाय शिलाखंडों को अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति बनाने के लिए दान देने का उल्लेख है.

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