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राज्य में हड़ताल पर एंबुलेंस चालक, मरीजों को हो रही भारी परेशानी - hardoi today news

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 102 और 108 एंबुलेंस के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. इसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. एंबुलेंस कर्मचारी वेतन नहीं मिलने के कारण परेशान हैं. साथ ही इनकी मांग है कि पूर्व में हटाए गए कर्मचारियों को फिर से बहाल किया जाए और उनकी सभी मांगें पूरी की जाएं.

प्रदेश के कई जिलों में एंबुलेंस सेवा बाधित.

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Published : Sep 24, 2019, 9:59 PM IST

लखनऊ: प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 102 और 108 एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की गयी थी. पर इन दिनों प्रदेश भर में 102 और 108 एंबुलेंस सेवा बिल्कुल ठप हो चुकी है. क्योंकि बकाया भुगतान सहित अन्य मांगें पूरी न होने से आक्रोशित एंबुलेंस 102 और 108 के चालक प्रदेशीय आह्वान पर हड़ताल पर चले गए. लिहाजा कर्मचारियों की हड़ताल का दुष्प्रभाव आम आदमी के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है. संविदा कर्मचारियों ने 23 सितंबर को नियमतीकरण और केस (मरीजों) के आधार पर मानदेय का फैसला थोपे जाने के विरोध में हड़ताल कर दी थी. चालकों की समस्याओं पर सरकार ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. जिससे नाराज प्रदेश भर में कर्मचारियों की हड़ताल मंगलवार को जारी रही. एम्बुलेंस सेवा ठप होने से मरीजों और तीमारदारों को समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है.

प्रदेश के कई जिलों में एंबुलेंस सेवा बाधित.

अयोध्या में एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल
अयोध्या में एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल के चलते चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है. कर्मचारियों की हड़ताल का असर पिछले दो दिनों से अयोध्या में दिख रहा है. जिले में आकस्मिक चिकित्सा सेवाओं 102 और 108 के तहत कुल 72 एंबुलेंस संचालित हैं जिनमें से लगभग 62 गाड़ियां राजर्षि दशरथ राजकीय मेडिकल कालेज के परिसर में खड़ी हैं. एंबुलेंस कर्मी अपनी मांगों पर अड़े हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि वर्ष 2014 से उनका शोषण किया जा रहा है.


फर्रुखाबाद में मरीजों को नहीं मिली एंबुलेंस की सुविधा
फर्रुखाबाद में एंबुलेंस ईएमटी और पायलट की स्ट्राइक मंगलवार को भी जारी रही. जिस वजह से इमरजेंसी में जरूरतमंद मरीजों को एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल सकी. कोई ई-रिक्शा तो कोई ठेली से मरीजों को लेकर अस्पताल पहुंच रहा है. डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल में कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कर्मचारियों का कहना है कि हम कैट्स का निजीकरण नहीं होने देंगे और बकाया सैलरी हमारा हक है. जिसे लेकर रहेंगे.


उन्नाव में एंबुलेंस चालकों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन
उन्नाव में स्वास्थ्य सेवाओं में अहम भूमिका निभाने वाले एंबुलेंस चालकों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है. संविदा कर्मचारियों ने आज सात सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल जारी रखी. जिले में एंबुलेंस सेवा ठप होने से मरीजों और उनके तीमारदारों को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ा. एस्मा लागू होने के बाद भी दूसरे दिन एंबुलेंस के पहिये अपनी जगह से नहीं हिले. इस दौरान एंबुलेंस कर्मी मीटिंग कर आगे की रणनीति बनाते हुए नजर आए. शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे कर्मियों ने अपनी मांगों की बात दोहराई और लिखित आश्वासन न मिलने तक धरने में बैठे रहने की बात कही.


कौशांबी में महिला मरीजों को उठानी पड़ रही दिक्कत
कौशांबी में मंगलवार को भी सरकारी एंबुलेंस कर्मियों ने हड़ताल जारी रखी. कर्मचारियों की मांग न पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी है. हड़ताल के कारण जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. एंबुलेंस कर्मियों को हड़ताल पर होने की वजह से एक व्यक्ति अपने मरीज को ई रिक्शा में लेकर अस्पताल पहुंचा. मरीज के परिजन के मुताबिक 108 एंबुलेंस पर फोन करने पर पता चला कि हड़ताल के चलते एंबुलेंस नहीं मिल सकती है. जिसके बाद वह अपने मरीज को ई रिक्शा में लेकर अस्पताल पहुंचा.


हरदोई में जीवीके मैनेजर ने की अभद्रता
हरदोई जिले में भी प्रदेश की भांति दो दिनों से एंबुलेंस सेवा ठप चल रही है. यहां भी दो दिनों से स्वास्थ्य सेवाएं बाधित होने से मरीजों को तमाम समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है. तो हड़ताल के दूसरे दिन प्रदर्शन स्थल पर हंगामा होने की जानकारियां भी मिलने लगी हैं. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जीवीके कंपनी के जिम्मेदारों ने यहां आकर उन्हें गली गलौज की और चाबियां देने का दबाव डाला गया. इससे अभी एमटी कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है.

एंबुलेंस कर्मचारियों की प्रमुख मांगें-

  • पीएमटी और पायलट का ट्रांसफर ना किया जाए.
  • 4 घंटे का ओवर टाइम दिया जाए.
  • भुगतान की तिथि 1 से 7 तारीख की जाए.
  • अवकाश के दिनों में अतिरिक्त वेतन दिया जाए.
  • फर्जी केस लाने के दबाव पर रोक लगाई जाए.
  • वर्ष 2015 से 10 परसेंट वेतन वृद्धि कर एरियर के रूप में भुगतान दिया जाए.
  • पायलट प्रोजेक्ट के तहत किए जा रहे श्रम कानून उल्लंघन पर रोक लगाई जाए.
  • कंपनी से निकाले गए कर्मचारियों को वापस लिया जाए.
  • एंबुलेंस कर्मचारी को टर्मिनेट और ट्रांसफर करने पर रोक लगाई जाए.
  • एंबुलेंस कर्मचारियों का वेतन वृद्धि श्रम कानून के अनुसार किया जाए .
  • एंबुलेंस कर्मचारियों के मानसिक शारीरिक और आर्थिक रूप से परेशान करने पर रोक लगाई जाए.

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