अयोध्याःरामनगरी के कारसेवक पुरम परिसर में दो दिवसीय विश्व हिंदू परिषद के सामाजिक समरसता विभाग की बैठक हुई. बैठक में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार के साथ पूरे देश से विहिप के समरसता विभाग के संबंधित पदाधिकारी भी मौजूद रहे. रविवार को दोपहर बाद मीडिया से बातीचत करते हुए विहिप कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अलावा जिन राज्यों में भी मंदिरों पर सरकार का अधिपत्य है, उन्हें मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा.
मकर संक्रांति को समरसता दिवस के रूप में मनाएगी विश्व हिंदू परिषद
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि समरसता युक्त समाज के निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद अभियान चलाएगी. मकर संक्रांति के मौके पर देश भर में समरसता दिवस के रूप में मनाया जाएगा. 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती के दिन पर समरसता के विभिन्न कार्यक्रम प्रखंड स्तर पर आयोजित किए जाएंगे. महापुरुषों की जयंती पर भी विहिप समरसता का संदेश समाज को देगी. आंबेडकर, बाल्मीकि, कबीर दास की जयंती में विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी शामिल होंगे, इससे समाज को समरसता के लिए मजबूत किया जाएगा.
पिछड़े और शोषित वर्ग को दिलाया जाएगा योजनाओं का लाभ
आलोक कुमार ने कहा कि पिछड़े और शोषित वर्ग के लिए भी विश्व हिंदू परिषद अब काम करने जा रही है. इसके लिए उनको शैक्षिक और आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ अनुसूचित जाति के लोगों को दिलाया जाएगा. उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए बैंक से लोन बिजनेस के लिए ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा. जिससे कि सामाजिक स्तर अनुसूचित जातियों का जीवन स्तर सुधरे और सामाजिक समरसता हो. उन्होंने बताया कि विश्व हिंदू परिषद ने स्लम एरिया भी का चयन किया है.
छुआछूत खत्म करने के लिए विहिप कर रही प्रयास
पत्रकारों से बातचीत करते हुए विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए छुआछूत खत्म हो. हर कोई मंदिर में दर्शन कर सके, सभी के पानी का स्रोत एक हो, अंतिम यात्रा के लिए भी कोई भेदभाव न हो इस पर विश्व हिंदू परिषद कुछ दिनों से प्रयास कर रही है. विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अलावा जिन राज्यों में भी मंदिरों पर सरकार का अधिपत्य है, उन्हें मुक्त कराने के लिए भी अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि चर्च, गिरजाघर और मस्जिद का संचालन सरकार नहीं करती तो फिर मंदिर का भी नहीं करना चाहिए. मंदिरों को भी समाज को वापस किया जाना चाहिए.