उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

राम मंदिर निर्माण के लिए नींव के नए डिजाइन पर सहमति, ऐसे तैयार होगा बेस - agreement on the foundation of ram temple

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर निर्माण के लिए एक हजार 200 पिलर्स अब नहीं बनेंगे. इसके बजाए अब खुदाई कर पत्थरों से नींव बनाये जाने पर सहमति बनी है. इस पर भी पहले पत्थरों की नींव बनाकर उसका भी परीक्षण होगा.

ayodhya
राम मंदिर के नींव निर्माण पर सहमति

By

Published : Dec 30, 2020, 4:16 AM IST

Updated : Dec 30, 2020, 6:12 AM IST

अयोध्याः श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर निर्माण के लिए एक हजार 200 पिलर्स अब नहीं बनेंगे. इसके बजाए अब खुदाई कर पत्थरों से नींव बनाये जाने पर सहमति बनी है. इस पर भी पहले पत्थरों की नींव बनाकर उसका भी परीक्षण होगा. यह नींव भी मानक के अनुसार होने पर ही इसके निर्माण में तेजी लाई जा सकेगी.

नींव की नए डिजाइन पर बैठक में फैसला

निर्माण के लिए नींव की जल्द की जाएगी खुदाई
भव्य मंदिर के निर्माण के लिए नींव की खुदाई जल्द शुरू कर दी जाएगी. नींव में पत्थरों को भरने का काम भी मकर संक्रांति के आसपास शुरू होने के आसार हैं. कुल मिलाकर यह कार्य जनवरी महीने से शुरू हो जाएगा. यह निर्णय दिल्ली में आयोजित राममंदिर निर्माण समिति बैठक में मंगलवार को लिया गया.

1200 पिलर्स पर नहीं होगा राम मंदिर निर्माण

नए डिजाइन से नींव बनाये जाने पर सहमति
इस बैठक में निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चम्पतराय, कोषाध्यक्ष गोविन्ददेव गिर, डॉ अनिल मिश्र के साथ आठ सदस्यीय विशेषज्ञ समिति के इंजीनियर भी मौजूद रहे. राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में अब नए डिजाइन से नींव बनाये जाने पर सहमति बनी है.

पत्थरों से जमीन को किया जाएगा ठोस
बैठक में आठ सदस्यों की विशेषज्ञ की समिति ने नींव बनाये जाने के लिए रिपोर्ट सौंपा था. जिसके बाद मंदिर निर्माण के लिए भूमि की खुदाई कर नींव बनाये जाने के लिए पत्थरों से उसे ठोस करने का निर्णय लिया गया है. जिससे भुरभुरी मिट्टी के बावजूद राम मंदिर की नींव एक हजार साल तक टिक सके.

आर्किटेक और इंजीनियर लेंगे अंतिम निर्णय
इस बैठक में मंदिर आर्किटेक आशीष सोमपुरा के साथ एलएंडटी, टाटा कंसल्टेंट इंजीनियरिंग, आईटीआई चेन्नई, सीबीआरआई रुड़की, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मुम्बई, आईआईटी गुजरात के विशेषज्ञ शामिल थे. बैठक में भूमि की खुदाई कर नींव बनाए जाने के लिए पत्थरों से उसे ठोस करने का निर्णय लिया गया है. जिससे नींव में जहां पर मंदिर का भार अधिक होना होगा. वहां पर अधिक पत्थरों को लगाए जाने के लिए अधिक गहरी खुदाई की जाएगी. इससे मंदिर का भार कम होगा. हालांकि इस पर आर्किटेक और इंजीनियर मिलकर अंतिम निर्णय लेंगे.

Last Updated : Dec 30, 2020, 6:12 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details