अयोध्या: उत्तर प्रदेश में कचहरी सीरियल ब्लास्ट के चलते फैजाबाद जिला सत्र न्यायालय को भारी नुकसान झेलना पड़ा था. इसमें एक वरिष्ठ अधिवक्ता समेत कुल 4 लोगों की मौत हुई थी. 20 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंडल कारागार फैजाबाद में कचहरी ब्लास्ट मामले के दोषियों को सजा सुनाई गई थी. जिन तीन दोषियों को सजा सुनाई गई थी, उनमें से एक की पहले ही बाराबंकी जेल में हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है.
मामले में आरोपी खालिद मुजाहिद, मोहम्मद अख्तर और तारिक काजमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, जिसमें से खालिद मुजाहिद की बाराबंकी जेल में मौत हो चुकी है. सबूतों के अभाव में सज्जाद उर रहमान को बरी कर दिया गया है. अधिवक्ता इस फैसले से नाराज हैं. उनका कहना है कि दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि मामले में हाईकोर्ट में अपील दायर की जाएगी.
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ब्लास्ट के बाद घटनास्थल का नाम जीरो ग्राउंड पड़ा
23 नवंबर 2007 को फैजाबाद, लखनऊ और वाराणसी के जिला एवं सत्र न्यायालय में एक के बाद एक बम धमाके हुए थे. इस घटना में सबसे अधिक नुकसान फैजाबाद जिला एवं सत्र न्यायालय में हुआ था. अधिवक्ताओं और पैरोंकारों से खचाखच भरी कचहरी परिसर के बीच में हुए धमाके से लोगों के रोंगटे खड़े हो गए थे.