अयोध्या: राम मंदिर की नींव रखी जाने से पहले राम जन्मभूमि परिसर में समतलीकरण का कार्य जारी है. इस दौरान परिसर में दुर्लभ पुरातात्विक मूर्तियां और प्रतीक चिन्ह मिल रहे हैं. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इन मूर्तियां और प्रतीक चिन्हों को अमूल्य धरोहर बताया है.
राम जन्मभूमि में मिल रही मूर्तियां और प्रतीक चिन्ह लाॅकडाउन के तीसरे चरण से निर्माण कार्यों में छूट मिलने के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाया है. राम जन्मभूमि परिसर में लगाई गई बैरिकेडिंग हटाने के बाद अब परिसर के समतलीकरण का कार्य किया जा रहा है. लाॅकडाउन के चलते कार्य की गति धीमी है.
ट्रस्ट की ओर से राम जन्मभूमि परिसर में सीमित संख्या में मजदूरों के साथ समतलीकरण का कार्य 11 मई से शुरू किया था. हाईकोर्ट के आदेश पर जिस जगह पर खुदाई कराई थी, वहां आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में पुरातात्विक मूर्तियां और प्रतीक चिन्ह मिल रहे हैं.
देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प कलश, दोरजाम्ब आदि दुर्लभ कलाकृतियां अब तक निकाली गई हैं. समतलीकरण के दौरान अब तक 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तंभ, 6 रेडी सैंड स्टोन के स्तंभ, 5 फुट की नक्काशी नुमा शिवलिंग और मेहराब के पत्थर और कई पुरातात्विक मूर्तियां और प्रतीक चिन्ह मिले हैं.
लाॅकडाउन के दौरान मंदिर निर्माण की दिशा में कराए जा रहे इस कार्य को लेकर रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने ट्रस्ट को धन्यवाद दिया है. उन्होंने राम जन्मभूमि परिसर में गर्भगृह से पुरातात्विक मूर्तियां और प्रतीक चिन्ह मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की है.
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रामलला के जन्म स्थल से मिल रही मूर्तियां और प्रतीक चिन्ह हमारी अनमोल धरोहर हैं. इन धरोहरों को संजोकर कर रखा जाएगा. अब जल्द ही अयोध्या में भव्य राम लला का मंदिर बनकर तैयार होगा.
आचार्य सत्येंद्र दास, मुख्य पुजारी, रामलला