अयोध्या: मदरसों की जांच को लेकर उठा विवाद किसी तरह शांत हुआ तो अब वक्फ की जमीनों की जांच के खिलाफ आवाज उठने लगी है. हालांकि इसकी फिक्र किए बिना शासन के निर्देश पर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में वक्त की संपत्तियों की जांच शुरू हो गई है. इसी कड़ी में पहले कभी अवध की राजधानी रहे फैजाबाद में शासन के निर्देश पर जिला स्तरीय अभिलेखों में दर्ज अयोध्या की 1501 वक्फ संपतियां जांच के घेरे में आ रही हैं. अयोध्या में 1501 वक्फ बोर्ड की संपत्तियां हैं. अयोध्या में सुन्नी की 1315 और शिया की 186 संपत्तियां दर्ज हैं. डीएम के आदेश के बाद संबंधित एसडीएम वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सर्वे करेंगे.
जानकारी देते हुए अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और वक्फ के चीफ इंस्पेक्टर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अमित प्रताप सिंह ने बताया कि 7 अप्रैल 1989 को जारी शासनादेश में के अनुसार जो संपत्तियां बंजर भूमि ऊसर और भीटा के रूप में दर्ज हैं और मौके पर कब्रिस्तान, मस्जिद, ईदगाह हैं. ऐसी संपत्तियों को सही रूप में दर्ज किया गया है. वर्तमान में वक्फ बोर्ड के चीफ इंस्पेक्टर रमेश चंद्र ने बताया कि वक्फ बोर्ड की जमीन पर अवैध कब्जा मिलता है तो उसको तुरंत हटा दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि वक्फ की जमीन पर प्रधानमंत्री आवास नहीं बन सकता, इसके लिए पहले से ही शासनादेश जारी है और संबंधित अधिकारी को भी बता दिया गया है. यह भी पढ़ें-वक्फ संपत्ति सर्वे पर बोले काशी के मौलाना, जमीन पर है माफियाओं का कब्जा
इंस्पेक्टर रमेश चंद्र ने बताया कि जो मकान बने हैं, उस पर मुतवल्ली किराया लेते हैं और किराए का 60 फीसदी अंशदान के रूप में वक्फ में जमा किया जाता है. सर्वे की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जल्दी शासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी. गौरतलब है कि फैजाबाद नवाबों का शहर रहा है. इसमें सबसे ज्यादा वक्फ बोर्ड की जमीनों पर ही अवैध कब्जे हैं. गुलाब बाड़ी, बहू बेगम मकबरा और राठ हवेली जैसे मोहल्ले वक्फ की जमीन पर ही बसे हैं.
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