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'अयोध्या में बढ़ रहे पर्यटक, गाइड की भूमिका होगी महत्वपूर्ण'

अयोध्या के डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विवि में 15 दिवसीय टूरिस्ट गाइड प्रशिक्षण का शुभारंभ कर दिया गया. गाइडों को 50-50 की संख्या में प्रशिक्षित किया जाएगा.

गाइड की भूमिका होगी महत्वपूर्ण
गाइड की भूमिका होगी महत्वपूर्ण

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Published : Jan 17, 2021, 10:33 AM IST

अयोध्या: डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कबीर सभागार में शुक्रवार को 15 दिवसीय टूरिस्ट गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इस दौरान जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने अयोध्या की सभ्यता और यहां के निवासियों की प्रशंसा की.

अयोध्या का बदलेगा परिदृश्य
प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारम्भ पर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने कहा कि राम मंदिर निर्माण का फैसला आने के बाद से अयोध्या में आने वाले यात्रियों की संख्या में व्यापक वृद्धि हुई है. इसी कारण यहां टूरिस्ट गाइडों की आवश्यकता है. जिलाधिकारी ने बताया कि आने वाले समय में अयोध्या का परिदृश्य बदला हुआ दिखाई देगा. शासन और प्रशासन इसकी तैयारी कर रहा है. अयोध्या में भव्य रेलवे स्टेशन, रिंग रोड, इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कार्य शीघ्रता से किया जा रहा है.

अयोध्या से उड़ानें शुरू हो जाएंगी
जिलाधिकारी ने बताया कि इसी वर्ष अयोध्या में राष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो जाएंगी. इससे पर्यटन के क्षेत्र में काफी संभावानाएं देखी जा रही हैं. जिलाधिकारी ने टूरिस्ट गाइडों से कहा कि 15 दिन में प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा, लेकिन सीखना कभी खत्म नहीं होता है. इसीलिए निरन्तरता बनाए रखना आवश्यक है.

लाखों यात्री आते हैं प्रतिवर्ष
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने कहा कि अयोध्या एक प्राचीन धार्मिक नगरी है. यहां पर लाखों दर्शनार्थी प्रतिवर्ष आते हैं. तीर्थयात्रियों को आधी अधूरी जानकारी ही मिल पाती है. इस वजह से अयोध्या में टूरिस्ट गाइड की जरूरत है.

कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि टूरिस्ट गाइड किसी भी टूरिस्ट स्थान की रीढ़ होते है. यदि वह सक्षम नहीं है तो पर्यटक स्थल कमजोर हो जाएगा. अयोध्या अब एक विश्वव्यापी पर्यटन स्थल बन रहा है. इसलिए अब अयोध्या में टूरिस्ट की भूमिका महत्वूपर्ण होने जा रही है.

प्रमुख धर्मों का प्रमुख केंद्र अयोध्या
अयोध्या एक हिन्दू धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि प्रमुख धर्मों की आस्था का प्रमुख केन्द्र है. कुलपति ने कहा कि कम्यूनिकेशन स्किल पर ध्यान देना आवश्यक है. जिस भाषा में संवाद किया जा रहा है, उसमें पूर्ण विश्वास दिखना चाहिए. गाइड का कार्य सिर्फ भाषण देना नहीं होता, बल्कि संबंधित ऐतिहासिक परिदृश्य के बारे में पर्याप्त जानकारी होना भी होता है.

अवध क्षेत्र 208 पौराणिक स्थलों को समेटे है

विशिष्ट अतिथि नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि अवध क्षेत्र अपने 84 कोस में 208 पौराणिक स्थलों को समेटे हुए है. यहां की सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत सदियों से संचेतना का केन्द्र है. उन्होंने बताया कि वाराणसी में मंठ मन्दिरों से जुड़े पुजारी यात्रियों को गाइड करते थे. उन्हें अब प्रशिक्षित कर तीर्थपुरोहित नाम दिया गया है. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद उनको नगर निगम से प्रमाण पत्र दिया जाएगा.

टूरिस्ट गाइड प्रशिक्षण एक स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने बताया कि अयोध्या में टूरिस्ट गाइड प्रशिक्षण एक स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम है. इस प्रशिक्षण के जरिए आंगतुकों को अयोध्या के परिवेश एवं आस-पास की धरोहारों से परिचित कराया जाएगा. इसी क्रम में प्रशिक्षणार्थियों को कई भाषाओं में ट्रेनिंग दी जा रही है.

50-50 के समूह में किया जाएगा प्रशिक्षित
व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक शुक्ला ने बताया कि अयोध्या में टूरिज्म बढ़ने की संभावना बढ़ गई है. यात्रियों की सुविधा और मार्गदर्शन के लिए टूरिस्ट गाइडों को 50-50 की संख्या में प्रशिक्षित किया जाएगा. आज से इसका प्रथम चरण शुरू हो गया है. विभाग के डॉ. राणा रोहित सिंह ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम का संचालन प्रो. शैलेन्द्र कुमार वर्मा ने किया.

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