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औरेया: किताब-कलम की जगह नौनिहालों के कंधे पर मजदूरी का जिम्मा - औरेया में बालश्रम

उत्तर प्रदेश के औरेया में बाल मजदूरी थमने का नाम नहीं ले रही है. जिले के गेस्ट हाउसों में बर्तन धुलने का काम, सड़कों पर झाड़ू लगाने का काम हो या बारातों में रोड लाइट धकेलने का काम, हर जगह नौनिहाल काम करते नजर आ जाएंगे.

child labor in auraiya
औरेया में बालश्रम के कई मामले.

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Published : Mar 13, 2020, 2:14 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:17 PM IST

औरैया: जिले में बाल मजदूरी आम बात सी दिख रही है, जिस पर संबंधित विभागीय अधिकारियों की नजर नहीं पड़ रही. बालश्रम रोकने में जिला प्रशासन लाचार साबित हो रहा है. किराने की दुकान, गेस्ट हाउसों में बर्तन धुलने का काम हो या शादी में रोड लाइट धकेलने का काम. हर जगह बाल मजदूर काम करते नजर आ जाएंगे. जानकारी होने के बाद भी प्रशासन बालश्रम पर अंकुश लगाने में नाकाम है.

औरेया में बालश्रम के मामले आमबात..

सूबे की सरकार बाल मजदूरी रोकने के लिए बड़े-बड़े दावे कर रही है. बाल्यावस्था को सही मुकाम देने के अथक प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी ओर हाथों में कलम किताबें थामने वाले कोमल हाथ झाड़ू और पोंछा थामने का काम कर रहे हैं. जिस पर श्रम विभाग की अनदेखी साफ तौर पर दिखाई दे रही है. इस पूरे मामले पर एडीएम न्यायिक एमपी सिंह ने बताया कि कहीं भी बाल मजदूरी करवाना कानूनी अपराध है. इस तरह के किसी भी मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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Last Updated : Sep 10, 2020, 12:17 PM IST

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