औरैया:पुलिस ने शुक्रवार को एयरफोर्स के जवान के साथ IRDA (Insurance Policy Maturity Renewal) के अधिकारी बनकर 38.91 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने पीड़ित के खाते में 14.65 लाख रुपये वापस करा दिया है. वहीं, अभियुक्तों के पास से पुलिस ने 1.20 लाख रुपये नगद, दो लैपटॉप, 12 फोन समेत अन्य सामान और दस्तावेज बरामद किए है.
IRDA के अधिकारी बनकर एयरफोर्स के जवान से लाखों की ठगी करने वाले 2 ठग गिरफ्तार - फर्जी आईआरडीए अधिकारी
औरैया पुलिस ने आईआरडीए के अधिकारी बनकर एयरफोर्स के जवान से लाखों रुपये की ठगी करने वाले 2 ठगों को गिरफ्तार किया है
पुलिस के मुताबिक, बीती 10 अक्टूबर 2022 को रायबरेली के रहने वाले एयर फोर्स के जवान मोहित सिंह पुत्र रामकुमार ने औरैया जनपद के अजीतमल कोतवाली क्षेत्र में तहरीर देते हुए बताया था कि अपने बीमा की पॉलिसी को मैच करने के लिए उसने गूगल पर सर्च किया था. जिसके बाद संपर्क में आए अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले विकास तिवारी पुत्र राजकुमार तिवारी ने उसकी पॉलिसी करने के बहाने 38.91 लाख रुपये की ठगी कर ली थी. उसने अजीतमल कोतवाली क्षेत्र में तहरीर दी थी. पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी थी.
इस मामले में औरैया पुलिस ने कई पहलुओं पर जांच शुरू की और पीड़ित जवान के खाते में 14.65 लाख रुपये वापस कराए. वहीं, शुक्रवार की सुबह औरैया पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली की ठगी करने वाले अभियुक्त अजीतमल में स्थित हाईवे पुल के नीचे है. जिसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर मौके से दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस पूछताछ में विकास तिवारी ने बताया कि अपने साथी अनुज कुमार पुत्र जगपाल सिंह निवासी नोएडा और शिवम तिवारी पुत्र प्रमोद तिवारी निवासी सिरसा कलार जालौन के साथ एक प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनी में काम करते थे. कोविड में नौकरी ना रहने पर उनके दिमाग में यह आइडिया आया और उन्होंने उनके पास मौजूद इंश्योरेंस डाटा का इस्तेमाल कर पॉलिसी को मैच्योर कराने के नाम पर ठगी करने का व्यापार शुरू कर दिया.
एसपी चारू निगम ने बताया कि बीती 10 अक्टूबर 2022 को एयरफोर्स के जवान मोहित सिंह ने अजीतमल कोतवाली में तहरीर दी थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि उसकी इंश्योरेंस की पॉलिसी को मैच्योर कराने के नाम पर विकास तिवारी ने उसके साथ फोन-पे और गूगल-पे के जरिए 38.91 लाख रुपये की ठगी कर ली. पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. जिसमें बैंक खाते के स्टेटमेंट, साइबर और सर्विलांस टीम की मदद से पीड़ित को 14.65 लाख रुपये खाते में वापस करवा दिए थे. फिलहाल पुलिस ने विकास तिवारी और अनुज को गिरफ्तार कर लिया है. वही शिवम तिवारी अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर है. उसको लेकर पुलिस लगातार प्रयास कर रही है.
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