अमरोहाः जनपद के गजरौला में हाउस टैक्स की रसीद जारी करने के मामले में अधिशासी अधिकारी ने दो लिपिकों को निलंबित कर दिया है. इस मामले में कुछ और लोगों का नाम भी सामने आ रहा है. जिस पर अधिशासी अधिकारी ने कहा भ्रष्टाचार के मामले में जिस कर्मचारी का नाम सामने आयेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा क्या है पूरा मामला
अमरोहा के औद्योगिक नगरी गजरौला में कुछ भू-माफिया ने एक बड़ी जमीन पर अवैध रूप से प्लाटिंग कर दी थी. अवैध जमीन पर प्लाटिंग भी कर दी गई थी. इस जमीन पर कुछ लोगों ने मकान भी बना लिए. अवैध जमीन पर प्लाटिंग में नगर परिषद गजरौला के कुछ कर्मचारियों की मिली भगत सामने आई. इस मामले में जांच में दो कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध मिली. अधिशासी अधिकारी ने दोनों कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया.
कर्मचारियों ने जारी करवाया हाउस टैक्स
नगर पालिका परिषद गजरौला के कुछ कर्मचारियों ने मिलकर नियम विरुद्ध तरीके से यहां पर गृह कर असेसमेंट की रसीदें भी जारी कर दी. इसके लिए बकायदा कर्मचारियों ने गृहकर की रकम भी जमा करवाई थी. जिसके बाद लोगों को लगने लगा कि यह सब प्लाटिंग पूरी तरीके से वैध है. यहां किसी प्रकार का कोई घोटाला नहीं है. लेकिन एक व्यक्ति ने इस के मामले की जानकारी जब शासन स्तर पर से की, तो पूरे मामले में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. जांच में पता चला कि जमीन नगर पालिका परिषद की है. उस पर की गई प्लाटिंग अवैध है. इसके बाद जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के आदेश पर एसडीएम विवेक यादव ने पालिका टीम के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए अवैध कब्जे को खाली करवाया.
जमीन खाली करवाने के दौरान हंगामा
जमीन खाली करवाने के दौरान टीम को विरोध का सामना करना पड़ा. कार्रवाई शुरू होते ही वहां पर बड़ी संख्या में महिलाएं जमा हो गईं और नगर पालिका की टीम से भीड़ गई थीं. जिसके बाद उप-जिला अधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की बात कही थी. इस दौरान कुछ महिलाओं ने बताया था उनकी जमीन पूरी तरीके से वैध है. उनके पास नगर पालिका परिषद द्वारा जारी किए गए गृह कर की रसीद भी है.
नगर पालिका परिषद के दो कर्मचारियों की भूमिका
इस पूरे मामले में नगर पालिका परिषद गजरौला के दो कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध मिली थी. जांच में पता चला कि गृहकर की रसीद लिपिक इरशाद और ललित ने जारी किये हैं. जिसके बाद दोनों लिपिकों को अधिशासी अधिकारी ने सस्पेंड कर दिया.