अमरोहाः कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा घाट पर लगने वाले गढ़मुक्तेश्वर और तिगरी मेले इस बार नहीं लगेगें. इसके लिए अमरोहा और हापुड़ जिला प्रशासन ने क्लियर कर दिया है. वहीं प्रशासन शासन के आदेश का पालन कराने की तैयारियों में है, ताकि कार्तिक पूर्णिमा के स्नान को जुटने वाले श्रद्धालुओं को गंगा तट पर पहुंचने से रोका जा सके.
अमरोहा: इस बार सूने रहेंगे मां गंगा के घाट, नहीं लगेगा तिगरी मेला - द्वापर युग से लग रहा तिगरी मेला
कोरोना काल में मां गंगा के घाट इस साल सूने नजर आएंगे. कार्तिक पूर्णिमा पर तिगरी और गढ़मुक्तेश्वर में लगने वाले मेले की शासन से अनुमति नहीं मिली है. सदियों से लगते आ रहे इस मेले को लेकर बना संशय अब खत्म हो गया है, इससे श्रद्धालुओं में मायूसी है.
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गंगा के दोनों तरफ लगते हैं मेले
22 मार्च 2020 के बाद पड़ने वाले इस साल के लगभग सभी पर्व कोरोना संक्रमण के चलते औपचारिक तौर पर ही मनाए जा रहे हैं. पिछले सालों की तरह उमंग और उत्साह के साथ पर्व नहीं मनाए जा रहे हैं. कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले गंगा मेले भी इसी की भेंट चढ गए, क्योंकि यह पर्व इस बार 30 नवंबर को है. बता दें कि तिगरी मेला अमरोहा जिले में लगता है, वहीं गढ़मुक्तेश्वर मेला गंगा उस पार हापुड़ जिले में लगता है.
द्वापर युग से लग रहा तिगरी मेला
बताया जाता है कि तिगरी में लगने वाला मेला सदियों से लगता चला रहा है. बुजुर्गों के अनुसार यह मेला द्वापर से लगता आ रहा है. बुजुर्ग बताया करते थे कि श्रवण कुमार अपने माता-पिता को तीर्थ पर लेकर निकले थे तब वे यहां ठहरे थे और कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी का स्नान कर लौटे थे. इस दौरान श्रवण कुमार को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ यहां उमड़ी थी, तभी से यह परंपरा चली आ रही है.