उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

किसानों ने केंद्र सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का लगाया आरोप

अमरोहा के रजबपुर में शनिवार को राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत में देश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे किसानों ने केंद्र सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया. वक्ताओं ने कहा कि अब सरकार को सबक सिखाने का वक्त आ गया है.

अमरोहा में किसान महापंचायत
अमरोहा में किसान महापंचायत

By

Published : Mar 6, 2021, 10:07 PM IST

अमरोहा: जिले के रजबपुर में शनिवार को राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत में देश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे किसानों ने केंद्र सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया. वक्ताओं ने कहा कि अब सरकार को सबक सिखाने का वक्त आ गया है. तीनों कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन को लगातार जारी रखने का एलान किया.

अमरोहा में किसान महापंचायत

तीनों कृषि कानून किसानों के लिए काले कानून

रजबपुर के रामलीला मैदान में आयोजित महापंचायत में भाकियू असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए काले कानून हैं. सरकार तीनों कानूनों को जबरन थोपना चाहती है. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई हर किसान, मजदूर की है. देश भर में 40 से अधिक किसान संगठन इन कानूनों को वापसी की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि संभल में 5 अप्रैल को महापंचायत होगी. एक लाख से अधिक किसान जुटेंगे. अहंकारी सरकार के खिलाफ आंदोलन लगातार चलाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें-शह-मात के सियासी खेल में सपा ने बदली चाल, जातीय ध्रुवीकरण में समाजवाद ढूंढ रहे अखिलेश

किसान आंदोलन तोड़ने के लिए सरकार कर रही तमाम जतन

सिंधू बॉर्डर से आए सरदार जोगेंद्र सिंह उग्राह ने कहा कि किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए सरकार तमाम जतन कर रही है. हरियाणा और पंजाब के किसानों को आपस में लड़ाने की नाकाम कोशिश तक की गई. जेपी मिश्रा ने कहा कि निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने की नीति सरकार अपना रही है. प्रदेश सरकार पर भी किसानों के साथ ठगी करने का आरोप लगाया. गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार पूंजीपतियों का 15 लाख करोड़ रुपये का कर्जा माफ कर सकती है, लेकिन किसानों का नहीं. उन्होंने महापंचायत में मौजूद किसानों से कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों को मारने वाले हैं. यूपी के किसानों को न्यूनतम मजदूरी तक नहीं मिल रही है. फसलों का दाम भी न्यूनतम नहीं दिया जा रहा है.


आज किसान आंदोलन को 100 दिन पूरे

भाकियू असली के प्रवक्ता गुरनाम सिंह ने बताया कि आज किसान आंदोलन को 100 दिन हो गए हैं. मगर सरकार झुकने को तैयार नहीं है. देश का किसान भी सरकार के आगे झुकने को तैयार नहीं है. जहां पर यह आंदोलन पहले एक जगह चल रहा था, मगर आज पूरे देश में फैल गया है. जगह-जगह यह किसान आंदोलन चल रहा है. जब तक सरकार हमारी बात नहीं सुनती, यह आंदोलन लगातार चलता रहेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details