मुरादाबाद/अमरोहाः लखीमपुर खीरी जा रहे राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम के काफिले को को मुरादाबाद के दलपुतपुर टोल प्लाजा पर रोक लिया गया है. यहां से दोनों नेताओं को हिरासत में लेने के बाद सर्किट हाउस में रखा गया है.
सचिन पायलट को मुरादाबाद में हिरासत में लिया गया. टोल प्लाजा पर सचिन पायलट ने कहा कि प्रशासन आगे नहीं जाने दे रहा है. प्रशासन का कहना है कि आगे रास्ता बंद है आप आगे नहीं जा सकते. सचिन पायलट ने कहा कि सुबह से यही चल रहा है, समझ में नहीं आ रहा कि हम शांति पूर्वक किसी की मौत के बाद उसके परिवार वाले से मिलने जा रहे हैं, तो सरकार को क्या परेशानी हो रही है. अब हमारी समझ मे नही आ रहा है कि अब क्या किया जाए. डीएम शैलेंद्र सिंह का कहना है कि दोनों नेताओ को अगले आदेश मिलने तक रोका गया है. बातचीत होने के बाद ही आगे कुछ किया जाएगा. दोनों को उनके हिसाब से गेस्ट हाउस में रखा जाएगा.
वहीं, इससे पहले जनपद अमरोहा में पहुंचे सचिन पायलट और प्रमोद कृष्णम का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नेशनल हाईवे 9 पर फूलमाला उसे जोरदार स्वागत किया. जिसके बाद उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने प्रेस वार्ता कर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बड़ी मुश्किल के बाद आज प्रियंका राहुल गांधी को जाने की परमिशन मिली है. उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों का जो लोग आंसू पूछना चाहते हैं पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर रही. 3 दिन तक प्रियंका को अवैध तरीके से पुलिस ने हिरासत में रखा, जिसका हम सब विरोध करते हैं.
अमरोहा में सचिन पायलट का स्वागत. इसे भी पढ़ें-लखीमपुर खीरी मामला: सचिन पायलट और आचार्य प्रमोद कृष्णम हुए सीतापुर के लिए रवाना
उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच निष्पक्ष हो, ये जिम्मेदारी सरकार की है. फिलहाल ये लगता नहीं कि सरकार की मंशा निष्पक्ष जांच कराने की है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा पर संदेह है, क्योंकि जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज है, वे खुलेआम घूम रहे हैं. कई वीडियो सामने आ रहे है, जांच चल रही है. कही न कहीं लोगो को बचाने छुपाने की कोशिश की जा रही है. इस लिये अभी तक त्यागपत्र नही हुए है. मामले को रफा दफा करने की कोशिश की जा रही है. सचिन पायलट ने कहा कि नैतिकता बची है तो प्रदेश सरकार के जिम्मेदार नेताओं को इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था तार-तार हो चुकी है.