अमरोहा: उत्तराखंड के पहाडों पर ग्लेशियर टूटने के बाद अमरोहा प्रशासन अलर्ट हो गया है. जिसमें गंगा किनारे के बसे करीब 51 गांवों को प्रशासन ने अलर्ट कर दिया है. जिसमें ग्लेशियर टूटने से बाढ आने की सम्भावना जताई जा रही है, इसलिए प्रशासन ने सभी ग्रामीणों से सर्तक रहने की अपील की है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि प्रशासन ने उन्हें पूरी तरीके से अलर्ट कर दिया है और वह लोगों को भी अलर्ट कर रहे हैं.
ग्रामीण रहें सतर्क
उत्तराखंड के पहाड़ों पर ग्लेशियर टूट जाने के बाद नदी के किनारे बसे सभी इलाकों को हाई अलर्ट कर दिया गया है, जिसमें कुछ गांव अमरोहा जनपद में भी आ रहे हैं. अमरोहा जनपद में आने वाले करीब 51 ऐसे गांव हैं, जो गंगा किनारे बसे हुए हैं. उनमें ग्लेशियर टूट जाने के बाद बाढ़ आने की पूरी संभावना है. जिसमें अमरोहा प्रशासन ने खादर क्षेत्र में पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया और उनसे कहा कि सभी ग्रामीण सतर्क रहें और सावधानी बरतें.
ग्रामीणों ने ईटीवी भारत की बातचीत
गंगा किनारे रहने वाले गांव के लोगों से ईटीवी भारत के संवाददाता ने बात की. उन्होंने बताया कि हमें इस बारे में जानकारी नहीं थी. प्रशासन ने आकर उन्हें अलर्ट किया है और उन्हें गंगा किनारे न रहकर दूर रहने की सलाह दी है. तिगरी गांव के लोगों की झोपड़ी गंगा के किनारे पड़ी हुई थी, वहां पर पहुंचे डीएम इमेज मिश्रा ने लोगों से अपील की कि वह अपनी झोपड़ी छोड़कर अपने गांव में अंदर चले जाएं और गंगा के किनारे पर कोई भी तीर्थ पुरोहित या कोई भी व्यक्ति यहां पर न ठहरे, क्योंकि पता नहीं कब और किस वक्त पानी का बहाव तेज हो जाए.
हर वर्ष बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांव
अमरोहा जनपद के 22 गांव ऐसे हैं, जो कि हर वर्ष बाढ़ से प्रभावित होते हैं. अमरोहा प्रशासन ने सबसे पहले वहां पहुंचकर उन्हें अलर्ट किया और बताया कि आप लोग तुरंत ही जगह को खाली करें, यहां पर कभी भी बाढ़ आ सकती है. जिसमें से कुछ गांवों को खाली कर दिया गया है. गांवों को खाली कराने के लिए प्रशासन अलर्ट है. एसडीएम धनोरा और अन्य अधिकारियों ने लोगों से जाकर अलर्ट रहने की अपील की है.