अमेठी: समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. रामचरितमानस की चौपाई को लेकर दिए गए बयान पर मचा घमासान अब सड़कों पर आ गया है. अमेठी में ब्रह्मण स्वाभिमान एकता मंच ने स्वामी प्रसाद मौर्य की विधान परिषद सदस्यता समाप्त करने की मांग की है. मंच के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए सदस्यता समाप्त किए जाने से संबंधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा है. कार्यकर्ताओं ने पुलिस को तहरीर देकर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर कुछ दिन पहले बयान दिया था.
ब्रह्मण स्वाभिमान एकता मंच के अध्यक्ष दिनेश तिवारी ने सोमवार को ज्ञापन देने के बाद मीडिया से कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने जो अभद्र टिप्पणी की है, उससे पूरा हिंदू समाज आहत है. इनकी विधान परिषद सदस्यता समाप्त की जाए. उन्होंने आगे कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने 120 करोड़ हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है, जो भी ऐसा करेगा उसका यहां कोई स्थान नहीं है. स्वामी प्रसाद मौर्या को इसी समाज के 80% लोगों ने वोट देकर विधायक मंत्री बनाया था. आज वही स्वामी प्रसाद मौर्य उन लोगों का अपमान कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जिन प्रभु राम के आचरण को हम लोग ग्रहण करते हैं. वह उनकी भावनाओं से खेल रहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य भगवान राम पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं. उनके जीवन पर लिखी गई रामायण पर प्रश्न उठाना हिंदुओं को बर्दाश्त नहीं है. प्रशासन इस पर कार्रवाई नहीं करेगा तो ब्राह्मण स्वाभिमान एकता मंच सर्व समाज के साथ आगे भी लड़ाई लड़ेगा. भगवान राम ने समाज के हर वर्ग के लोगों को सम्मान दिया है. जो हिंदू समाज का और भगवान राम का विरोध करेगा उसको भारत में रहने का अधिकार नहीं है.