अमेठी: जिले की त्रिलोकपुर ग्रामसभा में सरकारी पैसों के बंदरबांट मामले की जांच सही साबित हुई है. जांच की कार्रवाई पूरी होने के बाद सोमवार को 1,03,795 रुपये की वित्तीय अनियमितता की बात सामने आई है. मामले में डीएम अरुण कुमार ने पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान से पैसों के रिकवरी का आदेश दिया है. जिला अधिकारी की इस कार्रवाई से ग्रामप्रधानों और पंचायत सचिवों में अफरातफरी मच गई है.
बता दें कि मामला अमेठी विकास खंड के त्रिलोकपुर ग्रामसभा का है. ग्रामपंचायत त्रिलोकपुर में 1,03,795 रुपये की वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा था. मामले में एक प्रार्थना पत्र में ग्रामपंचायत त्रिलोकपुर के खिलाफ शिकायत मिली थी. जिसके आधार पर प्रारंभिक जांच जिला सेवायोजन अधिकारी व सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी के साथ सहायक अभियंता जिला ग्राम्य विकास अभिकरण की संयुक्त टीम गठित की गई थी.
गठित टीम की तरफ से कराई गई जांच में कार्यों में Rs 1,03,795 (1 लाख 3 हजार 795) रुपये के दुरुपयोग का मामला पाया गया. जिसमें तत्कालीन ग्रामप्रधान सुनीता यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. नोटिस के क्रम में ग्रामप्रधान ने अपना जवाब पेश किया गया था. संतोषजनक उत्तर न पाए जाने पर ग्रामप्रधान सुनीता यादव के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार प्रतिबंधित कर ग्राम पंचायत के निर्वाचित 3 सदस्यों की समिति गठित की गई. साथ ही मामले की अंतिम जांच अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग से कराई गई थी. जांच आख्या के आधार पर पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान से रिकवरी के आदेश दिए गए हैं.
बता दें कि दो दिन पहले ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत विकासखंड जामो की ग्राम के साथ कई ग्रामपंचायतों में कराए गए कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कराया गया. जिसमें विकासखंड जामो की ग्राम पंचायत रामपुर नौरंगाबाद में नाला खुदाई कार्य में 3,05,832 रुपये का अधिक भुगतान किया गया. विकासखंड मुसाफिरखाना की ग्राम पंचायत सादीपुर में बिना कार्य कराए ही रुपये 1 लाख 111 रुपये का भुगतान किया गया. साथ ही विकासखंड भेटुआ की ग्राम पंचायत उसका में कराए गए कार्यों में 38,076 रुपये की वित्तीय अनियमितता पाई गई. इसके चलते जिलाधिकारी के निर्देश पर संबंधित ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव से धनराशि की वसूली के लिए नोटिस जारी की गई है.
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पूरे मामले में जिला अधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि जांच अधिकारी की जांच आख्या के आधार पर कुल 1,03,795 रुपये के दुरुपयोग का मामला सही पाया गया है. जिस पर जिला अधिकारी ने ग्रामप्रधान सुनीता यादव से 51,897.5 रुपये व सचिव लक्ष्मीकांत पांडेय से 51,857.5 रुपये की नोटिस जारी कर वसूली किए जाने के निर्देश दिए हैं.
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