अमेठी:न्याय के लिए बीते शुक्रवार को विधानसभा के सामने आत्मदाह का प्रयास करने वाली जामो की बेटी आज लखनऊ से जब मां का शव लेकर घर पहुंची तो उसके सब्र का बांध टूट गया. उसने एसपी से लेकर जिले के आलाधिकारी और लखनऊ की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. इसके साथ ही सिविल हॉस्पिटल में कैदियों जैसा व्यवहार किए जाने की भी बात कही.
बुधवार शाम करीब 5 बजे के आसपास मृत मां सोफिया का शव लेकर पहुंची बेटी गुड़िया ने मीडिया से पहली बार खुलकर बात की. उसने बताया कि वह एएसपी दयाराम और सीओ से मिली थी और उन्होंने बताया था कि कुछ दबंग परेशान कर रहे हैं. साथ ही कहा कि वह ये भी बोलीं थी कि वे जान से मारने की बात कह रहे हैं. शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने बात नहीं सुनी और इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. डेढ़-दो महीने से लगातार इस विवाद के चलते परिवार परेशान है. स्थानीय लोग इस बात के गवाह हैं.
गुड़िया ने लगाए गंभीर आरोप
गुड़िया ने बताया कि 16 तारीख को उसने डीआइजी फैजाबाद को सूचना दी कि उनको दबंग और कुछ राजनीतिक लोग मारने की धमकी दे रहे हैं. इसमें पुलिस-प्रशासन भी मिला हुआ है. इसके बाद डीआइजी ने आश्वासन दिया था कि एफआईआर निरस्त करा देंगे. 6 तारीख को गुड़िया उनके पास दोबारा गईं, जिस पर उन्होंने कहा अब यहां से काम नहीं होगा. गुड़िया ने कहा कि पहले ही ये बात बतानी चाहिए थी.
गुड़िया यही पर नहीं रुकी, उसने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें लगा अमेठी का पुलिस प्रशासन मिला हुआ है, लेकिन यूपी तक की पुलिस मिली हुई है. लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल में एक कैदी की तरह रखे जाने का भी आरोप लगाया है. एसपी ख्याति गर्ग पर न मिलने और कोई कार्रवाई न करने का भी आरोप लगाया है.
बता दें, एडीएम समेत जिले की भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद है. पीड़िता का आरोप है कि पुलिस से न्याय नहीं मिला. पीड़िता अपनी मां के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए भी तैयार नहीं है. पीड़िता एसपी को मौके पर बुलाने की मांग कर रही है.
विधानसभा के सामने मां-बेटी ने किया था आत्मदाह का प्रयास
राजधानी लखनऊ में शुक्रवार के दिन दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था. अमेठी जिले की रहने वाली दो महिलाओं ने गांव के दबंगों से तंग आकर विधानसभा के सामने खुद को आग लगा ली थी. आग से झुलसी महिलाओं को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी. दोनों पीड़िताओं में से एक की बुधवार को मौत हो गई. बताया जा रहा है कि गांव के दबंग दोनों महिलाओं को जमीन के लिए परेशान कर रहे थे. आरोप है कि स्थानीय पुलिस भी इन पीड़िताओं की कोई सुनवाई नहीं कर रही थी.
जानें क्यों हुआ विवाद
मामला 9 मई 2020 का है, जब गुड़िया का अपने पड़ोसी अर्जुन साहू से नाली को लेकर विवाद हो गया था. इसके बाद गुड़िया की तहरीर पर जामो थाने में अर्जुन साहू समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. विपक्षी अर्जुन साहू की तहरीर पर गुड़िया पर भी धारा 323, 452, 308 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. जनपद की पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही थी. इस बीच दोनों महिलाओं ने जनपद से मंडल तक के पुलिस अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई थी. पीड़ित महिलाओं ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व दो दिन पहले गौरीगंज सीओ अर्पित कपूर से भी मुलाकात कर इस घटना से अवगत कराया था. जब कार्रवाई नहीं हुई तो महिलाओं ने आत्मदाह का प्रयास किया.