अमेठी की आशा बहनें मां यशोदा से कम नहीं- स्मृति ईरानी - अमेठी के आशा सम्मान कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने की शिरकत
उत्तर प्रदेश के अमेठी में केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी ने दो दिवसीय दौरे के आखिरी दिन आशा सम्मान कार्यक्रम में हिस्सा लिया. वहीं कार्यक्रम में बेहतर कार्य करने वाली आशा बहुओं को सम्मानित किया. इसके बाद आशा बहुओं के सम्मान में उन्होंने संबोधित करते हुए कि आशा बहनें मां, बच्चे और परिवार को जीवनदान देती हैं.
आशा सम्मान कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने की शिरकत
अमेठी:केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी ने अपने दो दिवसीय दौरे के आखिरी दिन आशा सम्मान कार्यक्रम में हिस्सा लिया. जिला मुख्यालय गौरीगंज स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बेहतरीन कार्य करने वाली आशा बहुओं को सम्मानित किया गया. साथ ही जिले के 638 स्कूलों के किचन गार्डन स्कीम की लॉन्चिंग की, जिसकी कुल लागत 95 लाख 70 हजार रुपये है. वहीं मंच से उन्होंने आशा बहनों को मां यशोदा का दर्जा दिया.
स्मृति ईरानी ने कहा कि कृष्ण को जन्म देने वाली मां से ज्यादा दुनिया यशोदा मां को जानती है. उन्होंने कहा कि आज जितनी आशा बहनें मेरे सामने मौजूद हैं वह अमेठी की यशोदा से कम नहीं हैं. स्मृति ईरानी ने सीएमओ के सामने कहा कि जिन लोगों ने उन्हें सांसद बनाया है सांसद निधि पर उनका अधिकार है. आशा बहनें अपने गांव में अगर कोई विकास का काम कराना चाहती हैं तो वह अपने पत्र के ऊपर आदेशानुसार लिख कर दे कि तुम्हारी दीदी चाहती हैं कि मेरे गांव में मेरे घर के पास विकास कार्य हों. उन्होंने कहा कि वो हमेशा उनके आदेश का पालन करेंगी.
स्मृति ने सौ दिन में कराए 210 कार्यक्रम-
इस दौरान स्मृति ईरानी ने कहा कि 100 दिनों से 6 करोड़ से ज्यादा लोगों को किसान सम्मान निधि से जोड़ा गया. आयुष्मान भारत के कार्ड को सभी तक पहुंचाने के लिए सीएमओ अपना योगदान दिया है. स्मृति ईरानी ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से बच्चों को सीखने को मिलेगा. पिछले 100 दिनों में मैंने अमेठी में 225 करोड़ की लागत के 210 कार्यक्रम कराए हैं. अमेठी में 550 करोड़ की लागत से रेलवे का काम हो रहा है तो लगभग 800 करोड़ का काम 100 दिन में किया गया है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अमेठी की जनता का साथ मुझे मिला. अमेठी की जनता 24 घंटे मुझसे मिल सकती है. उन्होंने कहा कि यहां की जनता कभी भी दिल्ली में आकर मुझसे कभी भी मिल सकती है.