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अमेठी में फेल हुआ स्कूलों का कायाकल्प मिशन, दूषित पानी पीने को मजबूर छात्र - केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

अमेठी में स्कूलों का कायाकल्प मिशन फेल होता नजर आ रहा है. जहां सरकारी स्कूल में बच्चे दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा अधिकारियों को शिकायत के बावजूद छात्र जहरीला पानी पीने को मजबूर हैं.

दूषित पानी पीने को मजबूर छात्र.
दूषित पानी पीने को मजबूर छात्र.

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Published : Aug 24, 2022, 12:49 PM IST

अमेठी:केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के इलाके में सरकारी स्कूल के बच्चों के स्वास्थ्य के साथ जिला प्रशासन द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है. स्कूल जाने वाले बच्चों को मजबूरी में दूषित पानी पीना पड़ रहा है. स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा शिकायत के बावजूद कई महीनों से नल की मरम्मत तक नहीं हो सकी. वहीं, ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी ने कागजों पर 3 महीने पहले रिबोर करा कर भुगतान भी करा लिया है. गौरतलब है कि दूषित पानी पीकर आए दिन शिक्षक और बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. फिलहाल मुख्य विकास अधिकारी अंकुर लाठर ने शिक्षा और स्वास्थ विभाग की अधिकारियों संयुक्त जांच टीम गठित कर दी है.

जानकारी देतीं मुख्य विकास अधिकारी अंकुर लाठर.

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुसाफिरखाना ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय बेसारा पूरब में लगा इंडिया मार्का टू हैण्ड पंप विगत कई महीनों से गंदा पानी दे रहा है. मामले की शिकायत के बावजूद भी समस्या का निराकरण नहीं हो पाया है. दूषित पानी पीने से बच्चे और शिक्षक आए दिन बीमार पड़ रहे हैं. विद्यालय के प्रिंसिपल द्वारा शिकायत के बावजूद भी समस्या का निराकरण नहीं हो पाया है. जहां सरकार सरकारी स्कूलों के कायकल्प के लिए लाखों रुपये खर्च कर रही है. वहीं, ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव द्वारा कागजों पर नल का रिबोर कराकर भुगतान करा लिया गया है. फिलहाल मामले में मुख्य विकास अधिकारी अंकुर लाठर ने संयुक्त जांच टीम गठित कर दिया है.

स्कूल में खाना बनाने वाली सुशीला बतातीं हैं कि यहां के नल का पानी बहुत ही गंदा आता है. पानी पीला पन के साथ गंध मारता है. यही पानी बच्चे पीते हैं और इसी से खाना भी बनता है. सहायक टीचर मकसूद आलम बताते है कि पानी की समस्या काफी दिनों से है. इसकी शिकायत कई बार अधिकारियों से की गई. प्रधान से भी की गई लेकिन किसी ने इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया. जिसका नतीजा है कि हमें दूषित पानी पीना पड़ रहा है.

स्कूल के प्रिंसिपल बताते हैं कि अक्टूबर महीने में उन्होंने नौकरी ज्वाइन की, तब से दूषित पानी ही देखने को मिल रहा है. पानी को भर के रख दो वह पीला पड़ जाता है. इसी पानी से खाना भी बनाया जाता है. दूषित पानी पीने की वजह से टाई फाइड हो गया था, जिसकी शिकायत प्रधान से की गई. जहां प्रधान ने नल के पास के फर्श को तुड़वाकर नया लगवाया, लेकिन नल के अंदर कोई भी काम नहीं हुआ.

मुख्य विकास अधिकारी अंकुर लाठर ने बताया कि मीडिया के माध्यम से जानकारी हुई है कि मुसाफिर खाना के विसारा पूरब गांव के विद्यालय में नल है, जिसका बिना रिबोर कराए पैसा निकाल लिया गया है इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं. साथ ही जांच टीम गठित की गई है कि पानी क्यों दूषित है. इसके लिए बीएसए और स्वास्थ्य टीम भेज दिया गया है.

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