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Blind Stick: अमेठी की दो छात्राओं ने नेत्रहीनों के लिए बनाया हाईटेक स्टिक, नहीं पड़ेगी किसी के सहारे की जरूरत - प्रधानाचार्य संदीप कुमार सिंह

राजकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज अमेठी (Government Girls Polytechnic College Amethi) की 2 छात्राओं ने नेत्रहीन दिव्यांगों के लिए एक ऐसी छड़ी का आविष्कार किया है. जिसके माध्यम से दिव्यांगों को आने जाने के लिए किसी सहारे की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.

अमेठीः
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Published : Feb 28, 2023, 11:03 PM IST

राजकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज अमेठी के प्रधानाचार्य और छात्राओं ने बताया.

अमेठीः सरकार छात्रों को लेकर लगातार तकनीकी शिक्षा पर जोर दे रही है. अगर छात्रों के मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है. राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज अमेठी की 2 छात्राओं ने ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है. जहां कॉलेज की 2 छात्राओं ने अपने जज्बे से तकनीक का उपयोग करते हुए नेत्रहीनों के लिए एक ऐसी स्टिक का अविष्कार किया है, जो वरदान साबित होगी. स्टिक में लगा बजर किसी भी वस्तु के एक फिट होने के पहले ही अलार्म बजा देगा. जिससे खतरों की पहचान हो जायेगी. इससे दिव्यांग जन अपने मंजिल तक आसानी से पहुंच सकते हैं.

गर्ल्स पॉलिटेक्निक कॉलेज अमेठी का हुनरःराजकीय गर्ल्स पॉलिटेक्निक कॉलेज अमेठी की छात्राओं ने अपने हुनर एवं तकनीक का कमाल दिखाते हुए सेंसर युक्त ब्लाइंड स्टिक का आविष्कार किया है. छात्रों द्वारा बनाई गई यह स्टिक किसी भी वस्तु के आगे होने की स्थिति में एक फिट पहले ही अलार्म के आवाज के साथ खतरों से आगाह कराएगी. सेंसर की आवाज से किसी वस्तु, व्यक्ति, पेड़, पौधे से टकराए बिना नेत्रहीन अपनी मंजिल तक आसानी से पहुंच जायेंगे. जिसको लेकर गर्ल्स पॉलिटेक्निक कॉलेज के अध्यापकों और छात्राओं में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है. छात्राओं ने बताया कि समाज में नेत्रहीनों के होने वाली परेशानियों को देखकर इस यंत्र का अविष्कार किया गया है. छात्राओं ने बताया कि यह विचार उनके मन में 12वीं की पढ़ाई के दौरान ही आ गया था.

आविष्कार के बारे में छात्रा ने बतायाःराजकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज अमेठी की छात्रा साक्षी तिवारी ने बताया कि उन्होंने कई जगह देखा कि नेत्रहीनों को आने-जाने के लिए सहारे की जरूरत पड़ती है. कोई उन्हें सहारा देने के लिए तैयार नहीं होता है. इसी वजह से उनके मन में ऐसी ही किसी चीज का अविष्कार करने का मन में आया था. छात्रा ने बताया कि इस छड़ी के माध्यम से नेत्रहीन कहीं भी आसानी से आ-जा सकते हैं. साथ ही दुर्घटना से अपना बचाव भी कर सकेंगे. छात्रा ने बताया कि इसमें एक सेंसर लगा है, जो किसी भी व्यक्ति अथवा दीवार से लगभग एक फिट की दूरी पर ही बजने लगेगा. जिससे नेत्रहीन दिव्यांग अपना रास्ता बदल कर दूसरी जगह से आसानी से जा सकते हैं.


वहीं, महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज की छात्रा रुचि वर्मा ने बताया कि उन्होंने अपने गांव में देखा कि नेत्रहीनों को लोग कुछ दिन तक ही सहारा देते हैं. उसके बाद कोई उनकी सुनने वाला नहीं होता है. इस छड़ी के माध्यम से उन्हें किसी के सहारे की जरूरत नहीं पड़ेगी. साथ ही वह अपना रास्ता खुद ही तय कर सकेंगे. इस अविष्कार हुई स्टिक के माध्यम से दिव्यांग जन कहीं भी आसानी से आ जा सकते हैं. दुर्घटना से पहले ही इस छड़ी का सेंसर उन्हें आलार्म के माध्यम से जानकारी प्रदान करेगा.

राजकीय बालिका पॉलिटेक्निक के प्रधानाचार्य संदीप कुमार सिंह ने बताया कि हमारे कॉलेज की 2 छात्राों ने दिव्यांगों के लिए जो स्टिक बनाई है. उससे दिव्यांगों के आवागमन में हो रही बाधा से निजात मिलेगी. नेत्रहीन दिव्यांग बिना किसी के सहारे कहीं भी आ जा सकते हैं. जहां कहीं भी दुर्घटना की संभावना होगी इलेक्ट्रॉनिक स्टिक में लगे सेंसर के माध्यम से दिव्यांगों को जानकारी स्वतः ही मिल जाएगी. जिससे वह खुद अपना बचाव कर सकेंगे.

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