अमेठीः जिले के जामो थाना क्षेत्र में शनिवार रात एक मकान में ब्लॉस्ट होने से दो मंजिला इमारत धराशाई हो गई थी. स्थानीय पुलिस ने दावा किया था कि खाना बनाते समय सिलेंडर फटने से यह हादसा हुआ है. लेकिन फोरेंसिक टीम ने स्थानीय पुलिस की कलई खोलकर रख दी है. जांच में टीम को भारी मात्रा में बारूद वा अन्य सामग्री हाथ लगी है.
बता दें, कि हादसे के बाद पुलिस अधीक्षक ने जांच के लिए सीओ को निर्देशित किया था. रविवार सुबह से इस हादसे की जांच में जिले की पुलिस जुट गई. सीओ ने गहनता से इस हादसे की जांच की. सीओ के साथ फोरेंसिक टीम भी जांच में जुटी रही. जांच टीम ने जैसे ही मलवा हटाना शुरू किया, मलबे में बारूद व अन्य पटाखा, बम बनाने के समान मिलने लगे. बारूद मिलते ही हड़कंप मच गया. पुलिस ने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी. मामले की जांच के लिए अयोध्या बम स्क्वाड टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई. बम स्कायड टीम ने गहनता से जांच में जुट गई.
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पटाखा बनाने का नहीं था लाइसेंस
बता दें, कि जिस घर में यह विस्फोट हुआ है, उसके घर में दशकों से आतिशबाजी का व्यवसाय होता था. पुलिस की नाक के नीचे बारूद का यह कारोबार चल रहा था. लोकल पुलिस सब कुछ जानते हुए भी मामले की लीपा पोती में जुट गई थी. जब मामला खुला तो पुलिस ने भी स्वीकार किया कि छोटे-मोटे शुतली बम और आतिशबाजी के समान बनाए जाते थे. पुलिस ने यह भी बताया कि इसके पास आतिशबाजी के सामानों की बिक्री या बनाने का कोई लाइसेंस भी नहीं था. अब बड़ा सवाल यह है कि बिना लाइसेंस के आतिशबाजी का सामान कैसे बनता था.
एएसपी विनोद पांडे ने बताया कि कल जामो थाना क्षेत्र के दखिनवारा गांव में एक विस्फोट की सूचना मिली थी. पूछताछ में घर वालों ने बताया कि ब्लास्ट सिलेंडर के फटने से हुआ है. फोरेंसिक टीम और थाने की टीम ने जांच की तो पता चला है कि सिलेंडर से विस्फोट नहीं हुआ था. यह पटाखों से विस्फोट हुआ है. इनके पास कोई पटाखा बनाने व रखने बेचने का का लाइसेंस नहीं है.
आरोपियों के खिलाफ जामो थाना में उचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करके कार्रवाई की जा रही है. साथ ही सभी थानों को निर्देश दिया गया है कि अपने क्षेत्र में चेक कर लें कि कोई इस प्रकार का अवैध रूप से काम तो नहीं कर रहा है. जो वैध काम कर रहे हैं उनकी भी जांच करने का काम करें. वहीं, जांच में यह पता चला है कि सुतली बम जैसे पटाखों का यह काम करते थे. बाहर से भी पटाखा लाते थे.
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