अमेठी:प्रदेश की योगी सरकार किसानों के उत्थान के लिए अक्सर प्रयासरत दिखती नजर आती है. किसानों को जरूरी सुविधाए व संसाधन मुहैया कराने को लेकर सरकार लाखों-करोड़ों रूपये भी खर्च रही है. दावा ये भी है कि किसानों की समस्याओं के निस्तारण को लेकर अधिकारियों को समय समय पर दिशा-निर्देश भी दिया जाता है, लेकिन स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में आज भी किसानों को सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर स्थानीय स्तर पर जिम्मेदार उदासीन बने हैं.
कार्यालय में नहीं रहता कोई कर्मचारी. दरअसल, मुसाफिरखाना विकास खण्ड के धरौली-नया कोट मार्ग पर वर्षों पूर्व उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी कार्यालय का निर्माण किया गया था. आशय था कि इससे तहसील स्तर पर कृषि के नवीनतम और तकनीकी प्रचार-प्रसार किया जाए और प्राविधिक सहायकों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में क्रांति लाई जाए. साथ ही रबी, खरीफ, जायद के साथ तिलहन और दलहन की फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर गोष्ठियों का आयोजन कर कृषि विशेषज्ञों के माध्यम से किसानों को जागरूक कराना भी केंद्र का उद्देश्य है. इस कार्यालय में करीब 22 कर्मचारियों की तैनाती की गई. जानकारी के मुताबिक मृदा परीक्षण को लेकर भारी रकम खर्च कर वृहद लैब और उपकरण भी खरीदे गए. लेकिन क्षेत्रीय किसानों का आरोप है कि जिम्मेदारों के उदासीन बने रहने के कारण यह कार्यालय कहीं न कहीं बेमतलब साबित हो रहा है.
किसान सुरेंद्र सिंह ने बताया कि लाखों करोड़ों की लागत से बिल्डिंग बनी है और ये तहसील स्तर का कार्यालय है लेकिन जब हम किसान वहाँ जाते हैं तो वहाँ जानवर बैठे मिलते हैं. वही पर मृदा परीक्षण प्रयोगशाला है जहाँ मृदा नमूने की जांच होती है लेकिन दुख है कि वहाँ पर न कोई सोयल टेस्टिंग लैब काम कर रहा है न वहाँ जाने पर कोई मिलता है, ये बड़ी विडंबना है.
किसान क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमला प्रसाद त्रिपाठी का कहना है कि वहां कोई उपस्थित नहीं रहता है और इससे किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है. जबकि क्षेत्र के किसानों को लाभ मिलना चाहिए. इसको लेकर हम एसडीएम और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर अवगत करायेंगे.
वहीं भूमि संरक्षण अधिकारी हरि कृष्ण मिश्र ने बताया कि वहां पर एक उपसंभागीय कृषि प्रसार अधिकारी कार्यालय है. जिसमें फील्ड और स्टाफ के 22 कर्मचारी हैं. इसमें से 12 कर्मचारी फील्ड कर्मचारी हैं. प्राविधिक सहायकों की इतनी ज्यादा कमी है कि एक-एक लोगों पर दो-दो न्याय पंचायत है और यह कहा जाना कि कार्यालय निष्प्रयोज्य है तो ये गलत है. निष्प्रयोज्य बिल्कुल भी नहीं है. वहां पर किसान गोष्ठियों का आयोजन होता है. वहां पर लैब है और लैब वर्क करती है. उन्होंने बताया कि कृषि उप निदेशक महोदय शासन को पत्र प्रेषित कर रखा है. जैसे ही बजट मिलेगा उसको रीनोवेट कर देंगे.