अमेठी :अमेठी में बदहाल सड़कें चुनावी मुद्दा बनती जा रही हैं. अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के गांव के लोगों ने घरों पर काला झंडा लगाकर, विधानसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार का ऐलान किया है. ग्रामीणों ने गांव में जगह-जगह रोड नहीं तो वोट नहीं का बोर्ड लगा दिया है.
जिला मुख्यालय से लगभग 6 किलोमीटर दूर है गांव
गौरीगंज तहसील व ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत ग्रामसभा मेंदन मवई में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपना आशियाना बनाने के लिए भूमिपूजन किया था. वहीं, इसी ग्राम सभा के सूजापुर गांव में रोड नहीं तो वोट नहीं का बोर्ड लगाकर, चुनाव बहिष्कार का ऐलान ग्रामीणों द्वारा किया गया है. गांव में जगह-जगह पर बैनर लगाए गए हैं. उसमें लिखा हुआ है "रोड नहीं तो वोट नहीं" और "सूजापुर की जनता का यही संकल्प, नेता ढूंढे स्वयं विकल्प''.
बड़ी बात तो यह है कि इस गांव के प्रत्येक घर में काले झंडे लगे हुए हैं, जो बिना कुछ बोले अपना विरोध प्रदर्शित करते रहते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव से बाहर मुख्य मार्ग को जाने के लिए संपर्क मार्ग की स्थिति अत्यंत दयनीय है. सड़क में जगह-जगह गड्ढे हैं. सड़क पर हमेशा जल भरा रहता है. ग्रामीणों को आने जाने में बड़ी ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
बता दें, यह सड़क 18 वर्ष पहले बीजेपी विधायक तेजभान सिंह ने बनवाई थी. इसके बाद से इस सड़क की मरम्मत नहीं हुई. जिसके कारण इसकी स्थिति बद से बदतर हो चुकी है. गौरीगंज क्षेत्र जहां पर समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह हैं, पिछले 10 वर्षों से पद पर हैं. 3 वर्ष पहले सड़क पर लेपन हेतु कार्य लगाया गया, लेकिन यह कार्य सिर्फ कागजों पर किया गया. पैसा खारिज हो गया, लेकिन सड़क की हालत जस की तस बनी रही. यही नहीं, गांव के अंदर नालियां नहीं बनी है, जिसके कारण गांव में जल निकासी की बड़ी समस्या है. गांव के बाहर बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक लोगों को पहुंचने का रास्ता नहीं है. जनपद मुख्यालय ब्लॉक से महज 6 किमी की दूरी पर स्थित है. इसके बावजूद यहां विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया है. ऐसे में ग्रामीणों का विरोध लाजमी है.
सूजापुर ही नहीं आसपास के 3-4 गांव के लोगों का कहना है कि जब तक हम लोगों की समस्या का समाधान नहीं किया जाता है, तब तक हम लोग चुनाव का बहिष्कार करते रहेंगे. आने वाले 27 फरवरी को यहां के बूथ पर कोई भी वोट डालने नहीं जाएगा. अब जितने भी नेता हैं सभी अपना विकल्प ढूंढ लें, क्योंकि हम लोग वोट नहीं करेंगे. यही तो हम लोगों का हथियार है, जो 5 साल में एक बार हमारे हाथ आता है. इसके बाद नेता अपने मन की करते हैं. जब चुनाव आता है तो गांव में आते हैं. बड़े-बड़े वादे कर चले जाते हैं.
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अमेठी में सड़कों को लेकर मतदान बहिष्कार का यह कोई नया मामला नहीं है. विगत चुनाव में भी अमेठी तहसील के परसौली के ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का ऐलान किया था. जिस दिन चुनाव हो रहा था, उस दिन भी लोग मतदान के लिए नहीं निकल रहे थे. फिलहाल जिला प्रशासन के काफी आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने मतदान किया था. इसके पूर्व जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र जहां से भाजपा के विधायक और राज्यमंत्री सुरेश पासी हैं, वहां भी सड़कों को लेकर प्रदर्शन हो चुके हैं. अमेठी में ग्रामीण इलाके में सड़कों की स्थिति बहुत ही बदतर हो गई है. फिलहाल अब देखना दिलचस्प होगा कि मतदान बहिष्कार ग्रामीणों की सड़क के लिए कितना कारगर साबित होता है.
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